चंडीगढ़ (जनादेश ब्यूरो): संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक की केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री प्रहलाद जोशी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ हुई छठे दौर की बातचीत फिर से बेनतीजा रही। अगले दौर की बातचीत 19 मार्च को चंडीगढ़ में रखी गई है।
आज की बैठक में किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों को खरीदने की गारंटी देने की मांग बरकरार रखी और डेटा देते हुए इस मांग को पूरा करने योग्य बताया। लेकिन केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि उनका डेटा आपके डेटा से मैच नहीं कर रहा है। मंत्रियों ने किसानों से इस डेटा का स्रोत बताने को कहा है, जो किसानों ने दो दिन में भारत सरकार को देने की बात की है। इसके बाद अगली बैठक में चर्चा करने का फैसला लिया गया।
हालांकि, अगली बैठक की तारीख को लेकर ही दोनों पक्षों में सहमति बनती नहीं दिख रही थी। केंदीय मंत्री अगली बैठक 22 मार्च को रखना चाहते थे। लेकिन किसान इसके लिए तैयार नहीं थे। काफी चर्चा के बाद 19 मार्च को मीटिंग करने का फैसला किया गया।
'बैठक बेहद भावपूर्ण माहौल के साथ हुई'
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बैठक बेहद भावपूर्ण माहौल में बात हुई है । उन्होंने कहा कि किसानों का कल्याण मोदी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने अपनी-अपनी प्राथमिकता रखी है। दोनों पक्षों ने अपनी अपनी बात रखी है। यह चर्चा अगले दिन भी जारी रहेगी। अगली चर्चा के लिए 19 मार्च की मीटिंग रखी गई है
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बातचीत सद्भावपूर्ण माहौल में हुई है। किसान संगठन ने एमएसपी की लीगल गारंटी को लेकर पक्ष रखा गया था।
'अगली बैठक में निकलेगा कोई हल'
उन्होंने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने का देता भी दिया जिसको लेकर केंदीय मंत्री ने कहा कि इस देता का स्रोत क्या है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों का डाटा मेल नहीं खा रहा था।
किसानों ने यह डाटा दो दिन के अंदर भारत सरकार को देने की है। उन्होंने आशा जताई कि अगली बैठक में कोई-न-कोई हल निकल आएगा।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कहा कि सभी किसानों ने लीगल गारंटी रखी थी। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि केंद्र सरकार ने 35 प्रतिशत फसल को एमएसपी पर उठाने की बात का प्रस्ताव दिया ताकि शेष फसल का दाम न गिरे और यह एमएसपी से अधिक बिके।