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नई दिल्ली: पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया। लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद ने जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का फैसला लिया। वो पूर्णिया सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं। उनके बेटे सार्थक भी कांग्रेस में शामिल हो गए। सूत्रों के मुताबिक, पप्पू यादव को कांग्रेस में शामिल कराने के पीछे प्रियंका गांधी ने अहम भूमिका निभाई।

हमारी विचारधारा सेक्यूलर: पप्पू यादव

कांग्रेस में शामिल होने के बाद पप्पू यादव ने कहा कि जन अधिकार पार्टी तीन चुनाव लड़ी। इसमें दो विधानसभा और एक लोकसभा का चुनाव शामिल है। इस पार्टी ने लंबा संघर्ष किया है। हमारी पार्टी सेवा, न्याय और संघर्ष के लिए जानी जाती है। हमारी पूरी विचारधारा कांग्रेस की आइडियोलॉजी के साथ रही है। कांग्रेस की विचारधारा हमेशा हमें ऊर्जा देती रही है। हमारी राजनीति की नींव सेक्यूलर रही है। किसी भी धर्म पर कोई हमला नहीं। हर परिस्थिति में दूसरे के विचारों का सम्मान मेरा इतिहास रहा है।

पटना: एनडीए में सीट बंटवारे होने के बाद अब चिराग पासवान की सीट भी फाइनल हो गई है। इसका एलान खुद चिराग पासवान ने मीडिया के सामने किया है। चिराग पासवान ने कहा कि प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा चल रही है, कुछ नामों का सुझाव बिहार संसदीय बोर्ड द्वारा आया है उस पर भी चर्चा हुई है। हाजीपुर सीट से एनडीए के प्रत्याशी के रूप में मैं खुद चुनाव लड़ूंगा।

चिराग पासवान ने कहा कि मेरी हाजीपुर सीट को लेकर फैसला बिहार संसदीय बोर्ड ने किया है। बाकी उम्मीदवारों के नामों पर भी चर्चा चल रही है। जल्द इसपर भी फैसला हो जाएगा।

वहीं चिराग के फैसले के बाद अब उनके चाचा पशुपति पारस के दांव का इंतजार है। पशुपति पारस ने भी हाजीपुर सीट पर दावा ठोक रखा है लेकिन अभी उन्होंने आधिकारिक तौर पर एलान नहीं किया है। अटकलें यह भी है कि पशुपति पारस महागठबंधन में भी शामिल हो सकते हैं। अब महागठबंधन के ऊपर निर्भर होगा कि वह हाजीपुर सीट पशुपति पारस को देता है कि नहीं।

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। पशुपति पारस ने अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि मेरे साथ नाइंसाफी हुई है इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है। बता दें कि मोदी मंत्रीमंडल में पशुपति पारस खाद्य प्रसंस्करण मंत्री थे। पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को एनडीए द्वारा दी गई सीट-शेयरिंग के समझौते की पुष्टि के बाद यह फैसला लिया है।

उन्होंने कहा, "एनडीए अलायंस की घोषणा हो गई है और मैं पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं। लेकिन मेरे और मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई है। इस वजह से मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है।"

बता दें, बिहार में बीजेपी 17, जेडीयू 16 और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी(आर) को 5 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. वहीं जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक सीट दी गई है। लेकिन एनडीए में शामिल एलजेपी के पशुपति पारस गुट को एक भी सीट नहीं मिली।

पटना: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बिहार की सीट का बंटवारा हो चुका है। सोमवार शाम दिल्ली में एनडीए की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई। बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने बिहार एनडीए में सीट शेयिरिंग की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी 17 सीट, जनता दल यूनाईटेड 16 सीट और लोक जनशक्ति पार्टी पांच सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट दी गई है।

बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े ने कहा कि भाजपा पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय, नवादा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम समेत 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जदयू वाल्मिकी नगर, सीतामढ़ी, शिवहर, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा और सीवान में चुनाव लड़ेगी। लोजपा (रा) वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मांझी की पार्टी गया और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी काराकाट सीट से चुनाव लड़ेगी।

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