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नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को देवेंद्र यादव को अपनी दिल्ली इकाई का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया। अरविंदर सिंह लवली के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद यादव की नियुक्ति की गई है। पूर्व विधायक यादव मौजूदा समय में पंजाब के प्रभारी भी हैं।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देवेंद्र यादव को तत्काल प्रभाव से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया और वह पार्टी के पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी भी निभाते रहेंगे।

नई जिम्मेदारी मिलने के बाद देवेंद्र यादव ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया और कहा कि वह पार्टी के वैचारिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और संगठन को मजबूत करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएंगे। यादव ने मीडिया से कहा, 'हमारी रणनीति स्पष्ट है। हम सभी के सुझावों पर विचार करेंगे। पहले हम उनकी बात सुनेंगे और एक अच्छी रणनीति बनाएंगे।''

उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस में कई वरिष्ठ साथी काम कर रहे हैं और पार्टी में योगदान दे रहे हैं।

उनका यह भी कहना था, 'हमें कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है और एकमात्र समाधान बातचीत है। मुझे उन कई साथी कर्मचारियों के साथ बातचीत करने में खुशी हो रही है जिनके पास कुछ मुद्दे थे। मैं इस तरह की चर्चा के लिए और अधिक साथियों से मिलने की उम्मीद कर रहा हूं। मैं समाधान खोजने के लिए उन तक पहुंचूंगा।'

यादव को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अंतरिम अध्यक्ष उसे वक्त नियुक्त किया गया है जब राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात लोकसभा सीट के लिए आगामी 25 मई को मतदान होना है।

लवली ने गत सप्ताहांत पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और इसकी एक वजह आम आदमी पार्टी (आप) से गठबंधन को बताया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई गठबंधन के खिलाफ थी लेकिन पार्टी आलाकमान ने गठबंधन को स्वीकृति दे दी।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को शनिवार को भेजे अपने इस्तीफे में लवली ने कहा था कि वह अपने आप को ‘‘लाचार'' महसूस कर रहे थे क्योंकि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया ‘एकपक्षीय तरीके से' रोक लगा देते थे।

लवली ने कहा था कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई ‘आप' के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, लेकिन पार्टी आलाकमान ने फिर भी उनके साथ गठबंधन किया।

उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार और उत्तर पश्चिम दिल्ली से प्रत्याशी उदित राज की उनके कुछ बयानों के लिए आलोचना की थी और कहा था कि दो ऐसे लोगों को टिकट दिए गए जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों से पूरी तरह अनजान हैं।

लवली के इस्तीफे से कुछ दिन पहले बाबरिया के साथ विवाद के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री और एआईसीसी सदस्य राजकुमार चौहान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रहे लवली को पिछले साल अगस्त में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया था.

 

 

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