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प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी लोकसभा सीट के लिए दाखिल किया नामांकन

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 119वीं जयंती पर उनसे जुड़ी 100 गोपनीय फाइलों की डिजिटल प्रतियां सार्वजनिक कर दीं। इन फाइलों से नेताजी की मृत्यु से जुड़े विवाद को समझने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने फाइलों को सार्वजनिक किया और इनकी डिजिटल प्रतियां भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में प्रदर्शित करने के लिए जारी कीं। प्रधानमंत्री ने एक बटन दबाकर इन फाइलों की प्रतियों को सार्वजनिक किया और उस समय सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्य, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा और बाबुल सुप्रियो भी मौजूद थे। बाद में पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने सार्वजनिक की गई इन फाइलों को देखा और वहां राष्ट्रीय अभिलेखागार में आधे घंटे तक रहे।

नई दिल्ली : सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी गुप्त फाइलें आज (शनिवार) सार्वजनिक होने जा रही हैं। संभवत: बोस परिवार की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हें जारी करेंगे। बताय जा रहा है कि पहली किश्त में 100 और इसके बाद हर महीने 25-25 फाइलों को सार्वजनिक किया जाएगा। लेकिन उससे पहले ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री को पंडित जवाहरलाल नेहरू की लिखी वो चिट्ठी सार्वजनिक हो गई है जिसमें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को वॉर क्रिमिनल मतलब युद्ध अपराधी लिखा गया है। दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी द्वारा आज जारी किए जाने वाले दस्तावेजों में एक चिट्ठी ऐसी भी है जो जवाहर लाल नेहरू ने इंग्लैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली को लिखी थी। इस चिट्ठी में नेहरू ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को वॉर क्रिमिनल लिखा था।

नई दिल्ली: विकलांग लोगों के कई संगठनों ने समुदाय को संबोधित करने के लिए 'दिव्यांग' शब्द के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी से 'विकलांग' शब्द की जगह इसका इस्तेमाल ना करने की अपील की। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल 27 दिसंबर को अपने रेडियो संबोधन 'मन की बात' में कहा था कि शारीरिक रूप से अशक्त लोगों के पास एक 'दिव्य क्षमता' है और उनके लिए 'विकलांग' शब्द की जगह 'दिव्यांग' शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। संगठनों ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, 'हालांकि इस अभिव्यक्ति को गढ़ने के पीछे की मंशा पर सवाल ना करते हुए, यह कहना बेमानी होगा कि केवल शब्दावली बदलने से विकलांगों के साथ होने वाले व्यवहार के तरीके में कोई बदलाव आएगा।

नई दिल्ली : पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सलविंदर सिंह को एनआईए ने क्लीन चिट दे दी जब लाई डिटेक्टर टेस्ट समेत अन्य वैज्ञानिक जांच में उनके खिलाफ कुछ भी प्रतिकूल नहीं पाया गया। पठानकोट आतंकवादी हमले के सिलसिले में एनआईए सिंह से पूछताछ कर रही थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एसपी रैंक के अधिकारी सिंह से कई दौर की पूछताछ के अलावा उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट समेत अन्य वैज्ञानिक जांच की गई। वह पिछले एक पखवाड़े से पूछताछ के लिए एनआईए मुख्यालय में उपस्थित हो रहे थे। सिंह के अमृतसर स्थित निवास स्थान समेत विभिन्न स्थानों की तलाशी में उसके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला और जो दस्तावेज बरामद किए गए वो उसके खिलाफ कुछ भी अभियोगात्मक नहीं दर्शाते हैं। सूत्रों ने बताया कि एनआईए इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही थी कि क्या पठानकोट और गुरुदासपुर जैसे सीमावर्ती जिलों में चल रहे ड्रग रैकेट में उसकी कोई भूमिका थी।

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