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चंडीगढ़/पंचकूला: कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि उन्होंने दलित, ओबीसी और आदिवासी को इज्जत दी है, लेकिन हम ये कहते हैं कि इन्हें इज्जत नहीं, बल्कि पावर चाहिए। जिस दिन इनको सत्ता में भागीदारी मिली, उसी दिन से इनको इज्जत मिलनी शुरू हो जाएगी। ये कब तक चलेगा कि गरीब आदमी अमीर को इज्जत देगा।

ऐसा भारत तो पहले राजा महाराजाओं के समय होता था। ये सिस्टम बंद होना चाहिए। 90 प्रतिशत आबादी को उनका हक दिलाने उनके लिए राजनीतिक लक्ष्य नहीं, बल्कि जीवन का मिशन बन गया है और अब वे इसे छोड़ने वाले नहीं हैं। इंडिया गठबंधन की सरकार आने पर इस आबादी को सत्ता में भागीदारी दी जाएगी।

राहुल गांधी बुधवार को पंचकूला सेक्टर 5 के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में समृद्ध भारत संस्था की ओर से आयोजित संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अपने भाषण में राहुल गांधी ने पीएम मोदी, अदाणी और अंबानी को निशाने पर रखा।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा तैयार किए संविधान को बदलने की मंशा रखते हैं, लेकिन हम उन्हें चेताना चाहते हैं कि भारत ही नहीं दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है, जो इस संविधान को छू सके।

उन्होंने कहा कि आज देश में दो तरह के नजरिये हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में दो मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुए, लेकिन एक बाहर आ गया, जबकि दूसरा आदिवासी सीएम हेमंत सोरेन आज भी जेल में है। दूसरा, मायावती भ्रष्ट हैं, लेकिन नवीन पटनायक नहीं, लालू भ्रष्ट हैं, दूसरे नहीं। इस प्रकार का दोहरा नजरिया ठीक नहीं है।

सिस्टम गरीबों और पिछड़ों के खिलाफ

राहुल गांधी ने कहा कि वह जन्म से सिस्टम में रहे हैं। वह सिस्टम को अंदर से जानते हैं, उन्होंने कहा कि मुझसे सिस्टम नहीं छिपा सकते और यह सिस्टम गरीब और पिछड़े लोगों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि ये किसको बढ़ावा देता है। वह बोले कि मैं अच्छी तरह से समझता हूं कि सिस्टम किस प्रकार किसको बढ़ावा दिया जा रहा है और किसको निशाने पर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम हाऊस में जब दादी पीएम थी, पापा पीएम थे, मनमोहन जी थे तब से मैं जाता हूं। सिस्टम लोअर कास्ट के विरूद्ध है। संविधान में साफ लिखा है कि चिकित्सा, शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र से न्यायपालिका में सभी को भागीदारी मिले। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस को लगता है कि वह लड़ाई जीत रहे हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि भाजपा का अंत आ रहा है।

ये लड़ाई हजारों साल पुरानी है

लोगों से सीधे रूबरू होते हुए हाथ में संविधान की किताब लेकर राहुल गांधी ने कहा कि संविधान केवल एक किताब नहीं, बल्कि ट्रांसफर ऑफ पावर, ट्रांसफर आफ प्रोसेस और इक्वेलिटी का डॉक्यूमेंट है। संविधान के सिद्धांत भी यही कहते हैं। यह संविधान 1950 में लागू नहीं हुआ। संविधान में लिखी बातें हजारों साल पहले महापुरुषों ने भी कही हैं। गुरुनानक, गौतम बुद्ध, आंबेडकर, महात्मा फूले कहते थे कि सभी को समान हक और हिस्सेदारी मिले। आज भी हम हजारों साल पुरानी लड़ाई लड़ रहे हैं।

मुंह से दो बार निकला हिंदुस्तान, फिर बोला साॅरी भारत

अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी के मुंह से दो बार हिंदुस्तान निकला, हालांकि तुरंत राहुल गांधी ने सॉरी बोला और हिंदुस्तान की जगह भारत शब्द बोला।

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