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लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश सभी सियासी दल पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं ताकि उनका मिशन और संकल्प पूरा हो सके। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) वह प्रमुख दल हैं, जिनके दावे और वादों के आधार पर जनता कुल पांच चरण में 52 सीटों मतदान कर दिया है। इन सबके बीच यूपी में दो क्षेत्रीय दलों की लड़ाई में कोई तीसरा बाजी मार सकता है।

मामला है प्रतापगढ़ स्थित कुंडा के विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया और केंद्रीय मंत्री एवं मिर्जापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपना दल सोनेलाल पटेल की प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल के बीच बयानों का।

बीते दिनों प्रतापगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विनोद सोनकर की जनसभा में अनुप्रिया पटेल ने कहा था कि अब राजा लोकतंत्र में रानी की पेट से पैदा नहीं होता है। अब राजा ईवीएम की बटन से पैदा होता है। स्वघोषित राजाओं को लगता है, कुंडा उनकी जागीर है।

उन्होंने कहा, उनके भ्रम को तोड़ने का अब आपके पास अब बहुत बड़ा और सुनहरा अवसर है। मैं आपसे कहना चाहती हूं कि इस बार ईवीएम का बटन दबाने जाएंगे, तो याद रखिएगा कि केवल मतदाता ही सर्वशक्तिमान है।

वहीं इसके जवाब में राजा भैया ने कहा कि राजा या रानी अब पैदा होना बंद हो गए हैं। ईवीएम से राजा नहीं पैदा होता है, ईवीएम से जनसेवक पैदा होता है या जनता का प्रतिनिधि पैदा होता है। ईवीएम से पैदा होने वाले अगर अपने आप को राजा मान लेंगे तो लोकतंत्र की मूल भावना ही हार जाएगी। जनता जनार्दन आपको ये अवसर देती है कि आप मेरी और क्षेत्र की सेवा करें। राजतंत्र तो कब-का खत्म हो गया है। कुछ कुंठित लोग हैं जो ये करते हैं उनसे मुझे कोई शिकायत नहीं है।

अब इस सीट पर आई नई चुनौती!

राजा भैया ने पहले ही किसी भी दल को समर्थन नहीं देने का एलान किया था। हालांकि सोमवार को पांचवें चरण के मतदान के दौरान उन्होंने खुलकर कहा कि एंटीइनकंबेंसी तो है। इस बयान का सीधा अर्थ यह माना जा रहा है कि राजा भैया ने खुलकर सपा के समर्थन का एलान कर दिया है। राजा भैया के इस एलान का मतलब इसका असर सिर्फ कौशांबी नहीं बल्कि प्रतापगढ़ और इलाहाबाद सीट पर पड़ सकता है।

राजा भैया और अनुप्रिया के बीच विवाद से भारचीय जनता पार्टी को झटका लग सकता है। दरअसल अनुप्रिया की पार्टी बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि एनडीए का घटक दल है। दावा किया जा रहा है कि राजा भैया की पार्टी के समर्थक मिर्जापुर जा सकते हैं, ऐसे में अनुप्रिया के बयानों से इस लोकसभा सीट पर भी बीजेपी और एनडीए की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। माना जा रहा है कि अनुप्रिया और राजा भैया की सियासी लड़ाई में किसी तीसरे का फायदा हो सकता है। सपा ने इस सीट से रमेश बिंद को प्रत्याशी बनाया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मिर्जापुर में राजा भैया बनाम अनुप्रिया पटेल की लड़ाई बीजेपी कैसे संभालेगी।

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