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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली शराब नीति मामले में मंगलवार (21 मई) को मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। पहले निचली अदालत ने उनकी हिरासत बढ़ा दी और अब दिल्ली हाई कोर्ट से भी मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं मिली है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर होगा फैसला

दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने मनीष सिसोदिया और ईडी के वकीलों की संक्षिप्त टिप्पणियों का भी जिक्र किया। आदेश पढ़ते हुए कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ट्रायल कोर्ट के अधिकार पर अंतर नहीं पड़ता। उसे मेरिट के आधार पर ही फैसला लेना था। सिर्फ मुकदमे में देरी ज़मानत का आधार नहीं हो सकती थी।

यह केस सत्ता के दुरुपयोग का है: कोर्ट

बेंच की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा था कि जब सिसोदिया ज़मानत याचिका दाखिल करें, तब ट्रायल कोर्ट उसकी टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना फैसला करे। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने कहा कि मेरा मानना है कि प्रॉसिक्यूशन के चलते मुकदमे में देरी नहीं हुई है।

आदेश पढ़ते हुए कोर्ट मे कहा कि आरोपी हजारों पन्नों के दस्तावेज देखने की मांग कर रहे हैं। इससे देर होती है। उन्होंने कहा कि यह केस सत्ता के दुरुपयोग का है। आरोपी जो दिल्ली का उपमुख्यमंत्री था, उसने पहले से तय लक्ष्य के लिए नीति बनाई।

जनता से मांगे सुझाव, लेकिन जारी की पहले से तय नीति

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि नीति बनाने से पहले जनता से भी सुझाव मांगे गए, लेकिन जनता के विश्वास की उपेक्षा कर पहले से तय नीति जारी कर दी गई। उन्होंने कहा कि ऐसा दिखाया गया जैसे यह नीति जनता के सुझाव से बनी है। यह धोखा है। जनतांत्रिक मूल्यों पर भी चोट है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मनीष सिसोदिया को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और पीएमएलए के प्रावधानों के मुताबिक खुद को जमानत का हकदार दिखाना होगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इन्होंने इलेक्ट्रॉनिक सबूत नष्ट किए। अपने 2 फोन उपलब्ध नहीं करवाए। यह बहुत प्रभावशाली हैं। इस आशंका से इंकार नहीं कर सकते कि जमानत मिलने पर यह सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

सिसोदिया को पत्नी से मिलने की इजाजत होगी

हाई कोर्ट ने कहा कि बिना किसी उचित कारण के शराब वितरकों का मुनाफा 5 से बढ़ा कर 12 फीसदी किया गया और किकबैक के पैसे गोवा भेजे गए। याचिकाकर्ता अपने पक्ष में जमानत का केस साबित करने में नाकाम रहा। कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया को ट्रायल कोर्ट से तय शर्तों के मुताबिक नियमित अंतराल पर पत्नी से मिलने की इजाजत होगी।z

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