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जयपुर: राजस्थान की पिछली अशोक गहलोत सरकार में बने 17 नए जिलों की समीक्षा की जाएगी। राजस्थान की वर्तमान भजनलाल शर्मा सरकार ने इसको लेकर कैबिनेट सब-कमेटी बनाई है। वहीं इस रिव्यू के बाद कई छोटे जिलों पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं।

भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा बनाई गई इस सब-कमेटी में डिप्टी सीएम प्रेमचंद्र बैरवा को संयोजक बनाया गया है। उनके साथ इस सब-कमेटी में मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मंत्री कन्हैयाल, मंत्री हेमंत मीणा और मंत्री सुरेश सिंह रावत को शामिल किया गया है।

बता दें कि पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाए थे। इसके बाद यहां कुल संभाग की संख्या सात से बढ़कर दस हो गई थी। वहीं 17 जिले बनाने के बाद जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 हो गई थी।

बनाए गए थे ये 17 जिले

अशोक गहलोत सरकार में पिछले साल जो 17 जिले बनाए थे उनमें बालोतरा, डीडवाना, फलौदी, अनूपगढ़, जोधपुर ग्रामीण, सलूंबर, सांचौर, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुर सिटी, खैरतल डीग, कोटपूतली, ब्यावर, केकड़ी, जयपुर ग्रामीण और दूदू शामिल हैं। इसके अलावा तीन संभाग भी बनाए थे जिनमें, सीकर, पाली और बांसवाड़ संभाग शामिल है।

बीजेपी ने उठाए थे सवाल

बता दें कि जब गहलोत सरकार में ये जिले बने थे, तब ही बीजेपी की तरफ से इस पर कई तरह के सवाल उठाए गए थे। खासतौर पर जयपुर से अलग करके बनाए गए दूदू पर कई तरह की उंगलियां उठी थीं, क्योंकि दूदू में महज तीन ही तहसील हैं और सिर्फ तीन तहसील वाले दूदू को अलग से जिला बनाने पर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए थे। वहीं अब दूदू से विधायक बनकर आए प्रेमचंद्र बैरवा को ही इस सब-कमेटी का संयोजक बनाया गया है।

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