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इस्लामाबाद: कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान का इसमें पूरी तरह से हाथ है और हमले के कसूरवारों को न्याय के कटघरे तक जरूर लाया जाएगा। इसके बाद से दोनों परमाणु शक्तियों के बीच तनाव बढ़ गया है और इस बीच पाकिस्तान घबराहट में अपनी मिसाइलों को टेस्ट कर रहा है।

पाकिस्तान ने सोमवार, 5 मई को 120 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली फतह सीरिज की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के सफल टेस्ट लॉन्च का दावा किया। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पाकिस्तान आर्मी की तरफ से यह दावा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने किया है। पिछले 3 दिन में यह दूसरा ऐसा मौका है जब पाकिस्तान ने अपने “एक्स इंडस” के हिस्से के रूप में अपनी मिसाइल को टेस्ट किया है। टेस्ट लॉन्च के बाद आईएसपीआर ने कहा, “लॉन्च का उद्देश्य सैनिकों की परिचालन तैयारी सुनिश्चित करना और मिसाइल के एडवांस नेविगेशन सिस्टम और बढ़ी हुई सटीकता सहित प्रमुख तकनीकी मापदंडों को वैलिडेट करना था।”

इससे पहले शनिवार को, आईएसपीआर ने कहा कि पाकिस्तान ने 450 किमी की रेंज वाली सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल अब्दाली वेपन सिस्टम का सफल टेस्ट लॉन्च किया था। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल मई में पाकिस्तान सेना ने फतह-II गाइडेड रॉकेट सिस्टम का टेस्ट लॉन्च किया था, जिसकी कथित तौर पर मारक क्षमता 400 किलोमीटर थी।

एक्शन मोड में भारत सरकार

यह घटनाक्रम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच आया है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।

3 मई को सूत्रों ने मीडिया को बताया कि पाकिस्तान सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है। इसे नई दिल्ली में "उकसावे की लापरवाह कार्रवाई और भारत के खिलाफ उसके शत्रुतापूर्ण अभियान में खतरनाक वृद्धि" के रूप में माना जाएगा। सूत्रों ने यह भी कहा कि ऐसी अस्थिर परिस्थितियों में मिसाइल टेस्ट करना "भारत के साथ तनाव बढ़ाने का हताशापूर्ण प्रयास" था।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े जवाबी कदम उठाए हैं। 23 अप्रैल को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में, भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन नहीं छोड़ देता। साथ ही अटारी चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया है। साथ ही भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के कई अधिकारियों को भी भारत छोड़ने का आदेश दे दिया।

केंद्र सरकार ने सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत दिए गए किसी भी वीजा को रद्द करने का भी फैसला किया और पाकिस्तान को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया था। साथ भारत सरकार ने भी पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तुरंत निलंबित कर दिया।

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