नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): भारतीय कॉरपोरेट कंपनियां अर्थव्यवस्था की विकास दर को लेकर आशावादी हैं और सरकार से उम्मीद कर रही हैं कि आम बजट 2025-26 में पूंजीगत व्यय सरकारी नीतियों के केंद्र में रहेगा। यह जानकारी बिजनेस चैम्बर फिक्की द्वारा जारी किए गए सर्वे में दी गई। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के प्री-बजट सर्वे में बताया गया कि केंद्रीय बजट से पहले 64 प्रतिशत कंपनियां भारत की विकास दर को लेकर आशावादी हैं।
सर्वे में भाग लेने वाली करीब 60 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी की विकास दर 6.5 से 6.9 प्रतिशत के बीच रह सकती है। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2023-24 की उच्च विकास दर 8 प्रतिशत से काफी कम है। इसकी वजह बाहरी कारकों के कारण लगातार प्रतिकूल परिस्थितियों का होना है। सर्वे में 68 प्रतिशत कंपनियों ने विकास की गति को बनाए रखने के लिए पूंजीगत व्यय को जरूरी बताया। भारतीय इंडस्ट्री के सदस्यों द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कैपेक्स आवंटन में कम से कम 15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
सर्वे में भाग लेने वाली आधे से अधिक कंपनियों का मानना है कि व्यापार में आसानी बढ़ाने के लिए सुधारों पर अधिक जोर होना चाहिए और उत्पाद बढ़ाने के लिए जरूरी जैसे भूमि अधिग्रहण, श्रम नियम और बिजली आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए। सर्वे में कहा गया है कि जैसा कि पिछले साल के केंद्रीय बजट ने अगली पीढ़ी के सुधारों पर एक रोड मैप का संकेत दिया था। इंडस्ट्री के सदस्य इस पर आगे के मार्गदर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।