ताज़ा खबरें
एस जयशंकर से पहले सेना दे चुकी है राहुल गांधी के सवाल का जवाब
हैदराबाद के चारमीनार के पास इमारत में लगी भीषण आग, 17 की मौत

नई दिल्ली: चार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार और संगठन में बदलाव की चर्चाओं के बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ दिया। उन्होंने अपनी नई पार्टी का बनाने का ऐलान किया है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि जोगी के जाने से पार्टी को फायदा होगा। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह, जिनके जोगी से रिश्ते खराब रहे हैं, ने कहा "जिस व्यक्ति ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को पैसे लेकर भाजपा को बेच दिया था उसका चले जाना ही हितकर होगा।"। जोगी छत्तीसगढ़ से राज्यसभा उम्मीदवार बनना चाहते थे, पर पार्टी ने उनकी जगह छाया वर्मा को उम्मीदवार बनाया। इससे वह काफी नाराज थे। इसके अलावा एक सीडी मामले में भी अनुशासन समिति ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस मामले में उनके बेटे अमित जोगी को कांग्रेस से निकाल दिया गया था। पार्टी के ज्यादातर नेताओं का कहना है कि जोगी के जाने से पार्टी पर खास फर्क नही पड़ेगा। वर्ष 2013 और 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच वोट प्रतिशत में एक फीसदी से भी कम का फर्क है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में जोगी ने कांग्रेस उम्मीदवारों को हराने की कोशिश की थी, ताकि रमन सिंह को फायदा मिले। एक उम्मीदवार के नाम वापस लेने की बातचीत की कथित सीडी भी आई थी।

नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज (गुरूवार) कहा कि इस साल ‘कम’ मॉनसून की कोई संभावना नहीं है और 96 फीसदी इस बात की गुंजाइश है कि सामान्य या अधिक बारिश होगी। यह खबर किसानों के लिए खुशखबरी लाएगी। पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर समूचे देश में इस साल अच्छी बारिश होने का अनुमान है। पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। जुलाई और अगस्त में दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 107 और 104 फीसदी बारिश होने की उम्मीद है। दूसरा दीर्घावधि का अनुमान जारी करते हुए मौसम विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर ने कहा कि एजेंसी के शुरूआती अनुमान से काफी अधिक अंतर नहीं है और मॉनसून के मौसम (जून से सितंबर) में दीर्घावधिक औसत का 106 फीसदी वर्षा होगी, जो सामान्य से अधिक है। राठौर ने कहा, ‘‘देश में कम बारिश होने की शून्य गुंजाइश है जबकि सामान्य या अधिक बारिश की संभावना 96 फीसदी है।’’ केरल में बारिश को मॉनसून पूर्व बारिश बताते हुए राठौर ने कहा कि दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के राज्य में अगले चार-पांच दिनों में आने की संभावना है। राठौर ने कहा कि केरल में एक बार मॉनसून सक्रिय हो जाने के बाद इसकी प्रगति तेज होगी, खासतौर पर पूर्वी और मध्य भारत में। देश के कई हिस्से भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। इस मानसून के मौसम में पश्चिमोत्तर भारत में एलपीए का 108 फीसदी बारिश होगी।

नई दिल्ली: अमेरिका के एक प्रमुख सीनेटर बेन कार्डिन ने कथित मानवाधिकार उल्लंघनों, न्यायेतर हत्याओं और धार्मिक असहिष्णुता के मामलों में भारत की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि भारत के सामने ये राष्ट्रीय चुनौतियां हैं। सीनेट विदेश संबंध समिति के सदस्य सीनेटर कार्डिन ने भारत सरकार से इन मुद्दों पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इन मुद्दों को उठाएंगे, जिनके लिए वह अगले सप्ताह वाशिंगटन में एक स्वागत समारोह की मेजबानी कर रहे हैं। उन्होंने भारत के धर्मांतरण रोधी कानूनों का भी विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि ये काफी पहले बनाए गए थे, लेकिन भारत के कुछ हिस्सों में धार्मिक आजादी के लोगों के अधिकारों पर अतिक्रमण के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। कार्डिन ने आरोप लगाया कि भारत के विभिन्न हिस्सों में न्यायेतर हत्याएं होती हैं, जिन्हें जारी नहीं रहने दिया जा सकता। उन्होंने भारत में भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ अपराध और मानव तस्करी के बारे में भी बात की और कहा कि सरकार को इन चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए। सीनेटर 'अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुशासन की भूमिका' पर संबोधन दे रहे थे। भारत में 'धार्मिक असहिष्णुता' के बारे में बात रखते हुए उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में इस समस्या के अलग-अलग आयाम हैं और इस पर ध्यान देने की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को मानवाधिकार उल्लंघनों, धार्मिक असहिष्णुता, तस्करी की चुनौती पर ध्यान देना चाहिए। कार्डिन ने कहा कि भारत का संघीय ढांचा सुशासन के लिए अनेक राष्ट्रीय नीतियों के प्रभाव क्षमता में अवरोध पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा, 'भारत की संघीय व्यवस्था सुशासन को चुनौती देती है। हम संघवाद में भरोसा करते हैं। यह सही तरह की नीतियों के साथ देश की मदद कर सकता है।' कार्डिन ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध किसी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अमेरिकी कांग्रेस में संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को आपदा प्रबंधन के लिए पहली बार राष्ट्रीय योजना को जारी किया। इसके तहत देश को आपदाओं से निबटने में सक्षम बनाने तथा इनसे होने वाली जानमाल की हानि को कम करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की गयी है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) में आपदा प्रबंधन चक्र के सभी चरणों में एहतियात कम करने, प्रतिक्रिया एवं बचाव के मकसद से सरकारी एजेंसियों के लिए एक रूपरेखा एवं निर्देश तैयार किये गये हैं। गृह मंत्रालय के यहां जारी एक बयान के अनुसार एनडीएमपी इस लिहाज से एक जीवंत दस्तावेज है कि आपदा प्रबंधन के मामले में उभरने वाले सर्वोत्तम चलन एवं ज्ञान के आधार पर इसे समय समय पर बेहतर बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने आपदाओं से निबटने के लिए समुदायों को तैयार करने को कहा है। योजना में सूचना, शिक्षा एवं संवाद गतिविधियों की अधिक आवश्यकता पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘एनडीएमपी में एक क्षेत्रीय रूख अपनाया गया है जिससे विकास नियोजन एवं आपदा प्रबंधन में मदद मिलती है।’

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख