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नई दिल्ली: प्रदूषण फैलाने वाले दशक भर पुराने 2.8 करोड़ वाहनों को सड़क से हटाने के लिए सरकार की प्रस्तावित वाहन नीति से हर साल 11,500 करोड़ रुपये का इस्पात कबाड़ पैदा होगा और इससे हमोर इस्पात के आयात का बोझ कम होगा। सरकार को अपने प्रस्तावित स्वैच्छिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वी-वीएमपी) से बड़ी मात्रा में इस्पात कबाड़ के निकलने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम के तहत लोगों को अपने पुराने वाहन देने के बदले नये वाहन की कीमत का आठ-दस प्रतिशत प्रोत्साहन के रूप में देने की पेशकश की गई है। सरकार ने अपनी इस प्रस्तावित नीति में कहा है, ‘पर्यावरण और उर्जा दक्षता लाभों के अतिरिक्त वी-वीएमपी के तहत हर साल घरेलू स्तर पर 11,500 करोड़ रुपयों का इस्पात कबाड़ पैदा होगा। इनके लिए संगठित क्षेत्र में इस्पात कबाड़ को बारीक करने वाले केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इस कुल मात्रा में करीब 50 प्रतिशत इस्पात कबाड़ उत्पादन केवल पुराने बसों और ट्रकों से होगा।’ इसमें कहा गया है कि इससे भारत का आयात बोझ कम होगा और यह विदेशी मुद्रा भंडार को बेहतर बनाएगा। इस नयी नीति का निर्माण सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से किया है और इसके लिए भागीदारों से सुझाव एवं टिप्पणियां मांगी हैं।

दोहा: भारत में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने का संकल्प लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार) कहा कि उन्होंने कई लोगों को मिठाई से वंचित करके समस्याओं का सामना किया है और सरकारी योजनाओं में लीकेज तथा चोरी रोककर सालाना 36000 करोड़ रुपये बचाये हैं। कतर की अपनी दो दिनी यात्रा के अंत में भारतवंशी समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, हमने केवल सतह (भ्रष्टाचार पर) साफ की है और गहराई से सफाई अभी बाकी है। उन्होंने भ्रष्टाचार पर सरकार की कार्रवाई की आलोचना की तुलना किसी बच्चे को मिठाई नहीं देने पर मां से उसके नाराज होने से करते हुए कहा, हमने कई लोगों की मिठाई रोक दी और ऐसा करने में मुझे दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। लेकिन मुझे इन समस्याओं का सामना करने की ताकत 125 करोड़ भारतीयों से मिलने वाले स्नेह से मिलती है। भारतीय मूल के लोगों की लगातार तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तीय पारदर्शिता, अनुशासन और कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के प्रयासों के अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो गये हैं। उन्होंने कहा, क्या आप कल्पना कर सकते हैं हमने विभिन्न सरकारी योजनाओं में लीकेज और चोरी रोककर 36000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष बचाये हैं। मोदी ने कहा कि 1.62 करोड़ फर्जी राशनकार्ड का पता लगाया गया और सब्सिडी वाले चावल, गेहूं, केरोसिन और एलपीजी के करोड़ों रुपये बचाये गये हैं।

दोहा: अपने 5 देशों की यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर की राजधानी दोहा में रविवार शाम भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। रविवार को ही भारत और कतर के बीच 7 समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए गए हैं जिसमें निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देने के समझौते भी शामिल हैं। भारत में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने का संकल्प लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने ‘कई लोगों को मिठाई’ से वंचित करके समस्याओं का सामना किया है और सरकारी योजनाओं में लीकेज तथा चोरी रोककर सालाना 36000 करोड़ रुपये बचाये हैं। कतर की अपनी दो दिनी यात्रा के अंत में भारतवंशी समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने केवल सतह (भ्रष्टाचार पर) साफ की है और गहराई से सफाई अभी बाकी है।’’ भारतीय मूल के लोगों की लगातार तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तीय पारदर्शिता, अनुशासन और कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के प्रयासों के अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो गये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार ने हमारे देश को खोखला कर दिया है, जो दीमक की तरह इसे खा रहा है।’’ पिछली कांग्रेसी सरकारों पर परोक्ष हमले में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज पूरी दुनिया में भारत की छवि सुधरी है और देश को सम्मान के साथ देखा जा रहा है। सभी भारत की ओर आकषिर्त हो रहे हैं। जब दूसरे देशों के लोग भारतीयों से मिलते हैं तो आप अंतर देखते होंगे।’’

दोहा: भारत और कतर ने वित्तीय खुफिया जानकारी के आदान प्रदान, धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने तथा गैस संपन्न खाड़ी देश से बुनियादी ढांचे में विदेशी निवेश आकर्षित करने सहित 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किये। कौशल विकास और शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और खेल के क्षेत्रों में सहयोग और निवेश अन्य समझौते हैं जिन पर भारतीय और कतर अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की मौजूदगी में हस्ताक्षर किये। बहु क्षेत्रीय साझेदारी और भारत-कतर संबंधों को मजबूत करने के लिए मोदी और शेख तमीम के बीच आधिकारिक वार्ता हुई और इसके बाद समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुए। प्रधानमंत्री की यात्रा के दूसरे दिन ये हस्ताक्षर हुए। राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष में निवेश को लेकर कतर निवेश प्राधिकरण और विदेश मंत्रालय के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ। यह गैस बहुल खाड़ी देश से विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा। वित्तीय खुफिया इकाई भारत (एफआईयू-इंडिया) और कतर वित्तीय सूचना इकाई (क्यूएफआईयू) के बीच हुए एक एमओयू पर हस्ताक्षर से धन के प्रवाह का पता लगाने और कतर से भारत में निवेश में मदद मिलेगी। इससे अधिकारियों को धन शोधन, आतंकवाद वित्त पोषण और अन्य आर्थिक अपराधों का पता लगाने में भी मदद मिलेगी। सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक मदद को लेकर भी एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।

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