पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कई अहम फैसलों को मंजूरी दी गई। कुल 69 एजेंडों पर मुहर लगाई गई, जिनमें ऑपरेशन सिंदूर में शहीद होने वाले जवानों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा, गया शहर का नाम बदलकर ‘गयाजी’, जीविका का खुद का बैंक और जन्म-मृत्यु निबंधन का जिम्मा पंचायत सचिवों को जैसे महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिहाज से कैबिनेट के इन फैसलों ने राज्य के प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य पर दूरगामी प्रभाव डालने के संकेत दिए हैं।
कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए बिहार के जवानों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की योजना को स्वीकृति दी गई। यह अनुग्रह अनुदान गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, नई योजना के तहत दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे शहीदों के बलिदान को सम्मान और उनके परिवार को राहत मिलेगी।
जीविका को मिला बैंक का दर्जा
अब बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का गठन कर इसे बिहार सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1935 के तहत निबंधित किया जाएगा। इसका उद्देश्य जीविका समूहों को वित्तीय रूप से और सशक्त बनाना है। राज्य में वर्तमान में 11 लाख जीविका समूहों से 50 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। अपने बैंक के माध्यम से ये महिलाएं अब आसानी से ऋण ले सकेंगी, जिससे स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
गया अब कहलाएगा 'गयाजी'
राज्य सरकार ने गया का नाम बदलकर ‘गयाजी’ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय गयाजी के धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए लिया गया है। सरकार का मानना है कि नाम परिवर्तन से इसकी पौराणिक पहचान और धार्मिक पर्यटन को नई पहचान मिलेगी।
राजकीय समारोह के रूप में मनेगी सुशील मोदी की जयंती
कैबिनेट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की पांच जनवरी की जयंती को हर वर्ष राजकीय समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय राजनीतिक इतिहास में एक नई परंपरा की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य कर्मियों का बढ़ा महंगाई भत्ता
सरकार ने सातवें वेतनमान के अंतर्गत सभी राज्य कर्मियों का महंगाई भत्ता (डीए) दो फीसदी बढ़ा दिया है। इससे सातवें वेतनमान के तहत डीए 53% से बढ़ाकर 55%, पांचवें वेतनमान में 246% से 252%, और छठे वेतनमान में 455% से 466% कर दिया गया है। इस फैसले से राज्य सरकार पर 1,070 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
पंचायत सचिवों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की जिम्मेदारी
अब ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की जिम्मेदारी पंचायत सचिवों को सौंपी गई है। इससे ग्रामीण जनता को स्थानीय स्तर पर त्वरित सेवाएं मिल सकेंगी।
बिहार कैंसर केयर एंड रिसर्च सोसाइटी का गठन
राज्य में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार कैंसर केयर एवं रिसर्च सोसाइटी के गठन को भी मंजूरी दी गई है। इसका उद्देश्य कैंसर की रोकथाम, चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करना और समय पर इलाज सुनिश्चित करना है।
पटना हाईकोर्ट में बनेंगे बहुमंजिला भवन
राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट परिसर में प्रशासनिक भवन, आईटी भवन, ऑडिटोरियम, मल्टी-लेवल पार्किंग सहित 302 करोड़ 56 लाख रुपये की लागत से कई बहुमंजिला भवनों के निर्माण को मंजूरी दी है।
बिजली ढांचे को मिलेगा नया विस्तार
उत्तर और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत 1,576 करोड़ रुपये की लागत से 104 नए विद्युत उपकेंद्र बनाए जाएंगे। इस परियोजना में केंद्र और राज्य की 60:40 हिस्सेदारी होगी।
राज्य में होगी विभिन्न विभागों में नियुक्तियां और पुनर्गठन
मंत्रिमंडल ने वायुयान संगठन, सहकारिता विभाग, वित्त विभाग और मत्स्य विभाग में सैकड़ों पदों की बहाली और संवर्ग पुनर्गठन को मंजूरी दी है। इनमें वायुयान संगठन में नई नियमावली, सहकारिता विभाग में 498 पद, वित्त विभाग में 18 वाहन चालक पद और मत्स्य विभाग में 170 पदों का पुनर्गठन शामिल है।
राज्य में इन नई योजनाओं और परियोजनाओं को हरी झंडी
अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर परियोजना के तहत डोभी मोड़ से बभनदेव जंगल तक 142 करोड़ की लागत से चार लेन सड़क, अनुसूचित जनजातियों के लिए भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालयों का पुनर्निर्माण, अल्पसंख्यक छात्रावासों और बोधगया में ध्यान केंद्र जैसी परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी गई है।
1,069 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण को मंजूरी
राज्य सरकार ने 1,069 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण के लिए 27 अरब 84 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। प्रत्येक भवन में एक सुधा मिल्क पार्लर स्थापित किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
जीविका समूह को सफाई की जिम्मेदारी
राज्य के प्रखंड सह अंचल कार्यालयों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी अब जीविका समूहों को सौंपी जाएगी। इससे महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा और स्वच्छता व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।
दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरी में सीधा आरक्षण
राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया है। इससे दिव्यांगजनों को सामाजिक और आर्थिक समानता में भागीदारी सुनिश्चित होगी।