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इंदौर: अपनी नाबालिग बेटी से बलात्कार के दोषी 35 वर्षीय मैरिज ब्यूरो संचालक को अदालत ने उसकी आखिरी सांस तक जेल में कैद रखे जाने की सजा सुनाई। मुजरिम पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने मामले में सुनील जैन को भारतीय दंड विधान और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) की संबद्ध धाराओं में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनायी। अभियोजन पक्ष ने जैन पर जुर्म साबित करने के लिए अदालत के सामने आठ गवाह पेश किए थे। अतिरिक्त लोक अभियोजक (एजीपी) संतोष चौरसिया ने संवाददाताओं को बताया, 'अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जैन को उसके जुर्म के लिए उसकी मृत्यु तक जेल में कैद रखा जाए।' उन्होंने बताया कि जैन एक मैरिज ब्यूरो चलाता है।

उसने साजिश के तहत नौ दिसंबर 2014 को अपने बेटे को घर से बाहर भेजा दिया था और फिर अपनी 14 वर्षीय बेटी से तब दुष्कर्म किया, जब घर में पिता-पुत्री के अलावा कोई नहीं था।

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