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चंडीगढ़: पंजाब के निकाय चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने अच्‍छा प्रदर्शन किया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ज्‍यादातर स्‍थानों पर नाकामी हाथ लग रही है। ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन ने काफी हद तक भाजपा की संभावनाओं को प्रभावित किया है। कृषि कानूनों के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन में पंजाब के किसानों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई है। वैसे भी पंजाब में भाजपा कभी भी बहुत ज्‍यादा मजबूत नहीं रही है और अभी तक अकाली दल के सहयोगी के रूप में ही मैदान में उतरती आई है। कृषि कानूनों के चलते अकाली दल ने भी भाजपा के साथ रिश्‍ता तोड़ लिया है।

अभी तक के नतीजे के अनुसार, निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने सभी सात नगर निगमों में जीत हासिल की है, इसमें मोगा, होशियारपुर, कपूरथला, अबोहर, पठानकोट, बटाला और बठिंडा शामिल हैं। बठिंडा में तो कांग्रेस की जीत वाकई हैरान करने वाली है, पार्टी ने 53 साल बाद यहां नगर निगम चुनाव में जीत हासिल की है। निकाय चुनावों में इस प्रदर्शन पर कांग्रेस में खुशी का माहौल है।

पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍य सरकार के मंत्री मनप्रीत बादल ने बठिंडा में पार्टी की जीत का ऐतिहासिक बताते हुए एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, 'आज इतिहास रचा गया है। बठिंडा शहर को 53 साल में पहली बार कांग्रेस पार्टी का मेयर मिलेगा। बठिंडा के सभी‍ निवासियों को इस शानदार जीत के लिए बधाई। कांग्रेस के सभी प्रत्‍याशियों और कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं, जिन्‍होंने इसे संभव बनाया।'गौरतलब है कि बठिंडा लोकसभा सीट से अकाली दल की हरसिमरत कौर सांसद हैं। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल विधानसभा चुनाव में बठिंडा सीट का ही प्रतिनिधित्‍व करते हैं।

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