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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई से पहले चार राज्यों की सरकारें सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। महाराष्ट्र, असम, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने आवेदन दाखिल कर नए कानून का समर्थन किया है। इन राज्यों ने कहा है कि नया कानून पारदर्शी, न्यायपूर्ण और व्यवहारिक है। कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं का विरोध करते हुए इन सभी राज्यों ने अपना पक्ष भी सुने जाने की मांग कोर्ट से की है।

राजस्थान सरकार ने कहा है कि नया कानून बहुत अच्छी मंशा से लाया गया। विस्तृत चर्चा और संसदीय प्रक्रिया के बाद बना यह कानून सभी वैधानिक चिंताओं का समाधान करता है। जिन लोगों ने इस कानून के खिलाफ याचिका दाखिल की है, वह ज़मीनी सच्चाइयों से आंखें फेर रहे हैं। पुराने कानून के चलते राज्यों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। वह दिक्कतें अब दूर हो गई हैं।

'पुराने कानून की धारा 40 का दुरुपयोग एक चिंता का विषय था'

आवेदन में यह भी कहा है कि पुराने कानून की धारा 40 का दुरुपयोग एक चिंता का विषय था। वह धारा वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ बता कर उस पर दावा करने की शक्ति देती थी।

अब भू-राजस्व (लैंड रेवेन्यू) के रिकॉर्ड में कोई भी बदलाव से पहले सार्वजनिक सूचना जारी करने की शर्त रखी गई है। इससे संपत्तियों पर मनमाने दावे पर नियंत्रण हो सकेगा।

'यह कानून किसी से भेदभाव नहीं करता'

चारों राज्यों ने याचिकाकर्ताओं की इस दलील का विरोध किया है कि वक्फ संशोधन कानून संविधान के विरुद्ध है। राज्यों ने कहा है कि यह व्यवस्था को सुधारने वाला और प्रकिया में स्पष्टता लाने वाला कानून है। इसमें वक्फ बोर्ड के अलावा सामान्य लोगों के भी हितों का ध्यान रखा गया है। यह कानून किसी से भेदभाव नहीं करता।

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