नई दिल्ली: 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों पर सटीक और प्रभावशाली हमले कर एक बार फिर अपनी रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन किया है। भारतीय वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल एके भारती ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 7 मई को पाकिस्तान के हमले में भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह सक्रिय और चौकस था।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि ऑपरेशन के तहत 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया, साथ ही उनके कई ठिकानों को भी नेस्तनाबूद किया गया। उन्होंने कहा, “हमने आतंकवादी हमले का माकूल जवाब दिया है और सबूतों के साथ आतंकी अड्डों को तबाह करने की पुष्टि भी की है।”
उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में तीन कुख्यात आतंकवादी युसुफ अजहर, अब्दुल मलिक राऊफ और मुदस्सिर अहमद को भी ढेर किया गया, जो लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय थे। इनकी तलाश भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को लंबे समय से थी। ये आईसी-814 हाईजैक और पुलवामा हमले में शामिल थे।
डीजीएमओ ने बताया कि इस सैन्य कार्रवाई की योजना पहलगाम में भारतीय नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद बनाई गई थी। ऑपरेशन का मकसद आतंकवादियों और उनके ठिकानों का पूरी तरह सफाया करना था।
वहीं डीएससी/एकेजेएयर मार्शल भारती ने बताया कि वायुसेना की सतर्कता और तैयारियों की वजह से पाकिस्तान की किसी भी हरकत का तुरंत जवाब दिया गया और हर संभावित खतरे को समय रहते निष्क्रिय कर दिया गया।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने यह कार्रवाई पूरी सावधानी और सटीकता के साथ केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए की, जिससे किसी भी आम नागरिक को कोई हानि नहीं पहुंची।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित एक प्रमुख आतंकी अड्डे पर मिसाइल हमला किया, जिसमें कैंप पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। यह इलाका जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है और यहां लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियां चलाई जा रही थीं। वायुसेना ने इस हमले की ड्रोन और सैटेलाइट फुटेज भी प्रस्तुत की, जिसमें लक्ष्य क्षेत्र में हुए भारी विनाश को साफतौर पर देखा जा सकता है।
इसके साथ ही, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके स्थित एक और आतंकी शिविर को भी सटीक मिसाइल हमले में नष्ट किया गया। यह क्षेत्र लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का गढ़ माना जाता है। एयर मार्शल भारती ने कहा, “इन दोनों ठिकानों को चुनना रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि ये पाकिस्तान की सीमा के अंदर गहराई में स्थित थे।”
भारतीय वायुसेना ने इन हमलों के लिए उन्नत सैटेलाइट इमेजिंग, इंटेलिजेंस-आधारित टार्गेटिंग और प्रिसीजन म्यूनिशन का उपयोग किया। एयर मार्शल भारती ने कहा, “हमने ऑपरेशन इस तरह डिजाइन किया कि केवल आतंकी अड्डों पर निशाना साधा जाए और किसी भी नागरिक को नुकसान न हो।”