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नई दिल्ली: वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र से नए कानून के कई प्रावधानों, खासकर वक्फ बाय यूजर संपत्तियों के प्रावधानों पर कड़े सवाल पूछे। कोर्ट ने केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुसलमानों को शामिल करने के प्रावधान पर भी सवाल उठाए और सरकार से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू बोर्ड का हिस्सा बनने की अनुमति देगी।

कोर्ट ने टिप्पणी की है कि वक्फ बोर्ड में एक्स ऑफिशियो मेंबर के अलावा मुस्लिम सदस्य ही हों, जिसका सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट ने आज कोई आदेश जारी नहीं किया है। उनका कहना है कि अभी किसी बोर्ड का कार्यकाल खत्म नहीं हो रहा है। पीआईएल याचिकाओं को सुनकर ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए। कोई वक्फ बोर्ड यहां नहीं आया है। गुरुवार (17 अप्रैल 2025) दोपहर 2 बजे इस मामले में फिर सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई खत्म होने वाली थी तो कोर्ट ने ये संकेत दिया कि वह दो आदेश देने जा रहा है, जब तक कि ये सुनवाई लंबित रहती है। वक्फ बोर्ड में एक्स ऑफिशियो मेंबर के अलावा सभी मुस्लिम हों।

वक्फ कानून का विरोध करने वालों की सबसे बड़ी चिंता ये है कि वक्फ बाइ यूजर जो रजिस्टर नहीं है उसको डिनोटिफाइ कर दिया जाएगा, यानि वो वक्फ नहीं रह जाएगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक सुनवाई लंबित रहती है तब तक सरकार ऐसा कोई काम नहीं करेगी।

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