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नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि वह रिटायरमेंट के बाद कोई आधिकारिक पद नहीं लेंगे, लेकिन कानून के क्षेत्र में अपनी पारी जारी रखेंगे। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना को 11 नवंबर, 2024 को सीजेआई नियुक्त किया गया था और वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

सीजेआई ने पीठ की औपचारिक कार्यवाही समाप्त होने के बाद शीर्ष अदालत परिसर में पत्रकारों से मुलाकात की और कहा, मैं सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करूंगा... शायद कानून के क्षेत्र में कुछ करूंगा। शीर्ष अदालत के कई पूर्व न्यायाधीश सेवानिवृत्त होने के बाद मध्यस्थता के क्षेत्र में अपनी पारी शुरू करते हैं। सीजेआई ने कहा, मैं तीसरी पारी खेलूंगा और कानून से संबंधित कुछ करूंगा।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा से जुड़े नकदी विवाद से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, न्यायिक सोच निर्णायक और निर्णयात्मक होनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा, हम सकारात्मक और नकारात्मक बिंदुओं को देखते हैं और मुद्दे पर निर्णय लेते हैं, फिर तर्कसंगत रूप से हम विभिन्न कारकों पर विचार करते हैं जो हमें सही निर्णय लेने में मदद करते हैं। अगले सीजेआई के तौर पर मनोनीत न्यायमूर्ति बी आर गवई ने भी सेवानिवृत्ति के बाद किसी पद को अस्वीकार करने के संकेत दिये हैं।

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