नई दिल्ली: संसद के एनेक्सी भवन में विदेश मामलों की स्थायी संसदीय समिति की बैठक में सांसदों ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मध्यस्थता के दावे पर सवाल उठाए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि संघर्ष विराम में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं थी। यह फैसला द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था।
संसदीय समिति की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर उठे सवाल
उन्होंने संसदीय समिति को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हमेशा पारंपरिक क्षेत्र में रहा है और पड़ोसी देश की ओर से कोई परमाणु संकेत नहीं दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि कुछ सांसदों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष में चीनी मंच का इस्तेमाल किया था? इस पर मिस्री ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला किया है। उन्होंने समिति को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को बताया कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब दिया है। आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया।
विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद शशि थरूर, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद रविशंकर प्रसाद, सतनाम सिंह, नवीन जिंदल, अपराजिता सारंगी, अरुण गोविल और आरपीएन सिंह शामिल हैं। बैठक भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने और उसके बाद दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष को लेकर हो रही है।
शशि थरूर बोले- हमारा प्रतिनिधिमंडल देर से जाएगा अमेरिका
पाकिस्तान को बेनकाब करने विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में से एक का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मेरे प्रतिनिधिमंडल की ब्रीफिंग शुक्रवार को ही होगी। इसलिए मैं अभी कुछ नहीं कहूंगा। कुछ टीमें पहले ही रवाना हो रही हैं और इसलिए उन्हें कल अपनी बैठक करनी होगी। लेकिन हमारा प्रतिनिधिमंडल थोड़ा देर से रवाना हो रहा है क्योंकि अमेरिका में मेमोरियल डे वीकेंड है और अमेरिका में संसद का सत्र दो जून तक नहीं है। इसलिए वहां बहुत जल्दी पहुंचने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए हम देर से पहुंच रहे हैं और देर से जा रहे हैं। हम 24 मई को रवाना होंगे। हम पहले गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और फिर अंत में अमेरिका जा रहे हैं। आज ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विदेश सचिव ब्रीफिंग कर रहे हैं।