ताज़ा खबरें
भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी को किया निष्कासित
कश्मीर पर दूसरे देश की मध्यस्थता भारत को मंजूर नहीं: विदेश मंत्रालय
सीमावर्ती इलाकों में एअर इंडिया-इंडिगो की उड़ानें रद्द, एडवाइजरी जारी
अमृतसर में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत, 6 की हालात गंभीर

पुलवामा: जम्मू-कश्मीर में टारेगेटेड हत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में घाटी में एक कश्मीरी पंडित की बाजार में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अब इस मुद्दे पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर हमला बोला है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर घाटी से आतंकवाद खत्म हो गया, जैसा कि केंद्र की तरफ से दावा किया जा रहा है तो फिर संजय शर्मा की हत्या किसने की। पीडीपी प्रमुख की तीखी प्रतिक्रिया तब आई जब उन्होंने पुलवामा का दौरा किया और गार्ड संजय शर्मा के परिवार से मुलाकात की।

आतंकवादियों ने उस समय गोली मार दी थी जब वह लोकल बाजार जा रहे थे। मुफ्ती ने संजय शर्मा के तीन बच्चों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि संजय शर्मा की हत्या पर हर कोई शर्मिंदा है, साथ ही उन्होंने आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हर कोई [विशेष रूप से मुस्लिम] इस घटना से शर्मिंदा है।

हम जम्मू और कश्मीर के वो मुसलमान हैं, जिन्होंने 1947 के दौरान, जब पूरे देश में हिंदू-मुस्लिम दंगे हो रहे थे, सभी हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों को बचाया," आज यहां मुस्लिम खुद संकट में हैं।

पीडीपी प्रमुख ने कहा, "एक तरफ, सरकार हमारे हजारों लोगों को उग्रवाद के नाम पर जेलों में डाल रही है। हमारे घरों को कुर्क किया जा रहा है। एनआईए-ईडी के छापे मारे जा रहे हैं। हमारे हजारों लोग टेरर फंडिंग और मिलिटेंसी के नाम पर जेल में बंद हैं। आज सिर्फ चार घरों को अटैच किया गया और हमें बताया जाता है कि आतंकवाद खत्म हो गया है। अगर उग्रवाद खत्म हो गया तो उसे [संजय शर्मा] किसने मारा?"

उन्होंने यह भी कहा कि संजय शर्मा के बच्चों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए और परिवार के एक सदस्य को जम्मू में नौकरी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "संजय की बहन के बेटों को भी सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।" रविवार को आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडित (संजय शर्मा) पर उस समय गोलीबारी की, जब वह पुलवामा जिले के स्थानीय बाजार जा रहे थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया। पिछले चार महीनों में किसी हिंदू नागरिक पर यह पहला हमला है। पिछले साल, कश्मीर में कई लक्षित हत्याएं हुईं। हताहतों में से कई प्रवासी श्रमिक या कश्मीर के पंडित थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख