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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में पिछले कुछ वक्त आंतकवादी गतिविधियों में बढ़ौतरी हुई है। इतना ही नहीं केवल जुलाई में ही 15 दिनों में घाटी में 4 बड़े आतंकी हमलों ने लोगों को डरा कर रख दिया है। इन हमलों में सेना के कई जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हैं। इसी बीच 8 और 15 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कटूहा और डोडा में बड़े आतंकी हमले देखे गए। कटुहा में हुए हमले में 5 जवान शहीद हो गए. वहीं 15 जुलाई को आंतकियों के साथ हुई मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए थे।

2021 से 2024 तक घाटी में 14 बड़े आतंकी हमले हुए हैं और इन हमलों में 50 सैनिक शहीद हुए हैं। हांलाकि केंद्र सरकार का दावा है कि जम्मू-कश्मीर मेंं अनुच्छेद 370 ख़त्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद आतंकी गतिविधियां कम हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस देते हुए विधानसभा के चुनाव करवाएं जाए और सूबे की सत्ता वहां के निर्वाचित प्रतिनिधियों को सौंपी जाए।

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ सोमवार रात में हुई मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत चार सैन्यकर्मियों शहीद हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 15 और 16 जुलाई की रात डोडा के एक वन क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक सैन्य अधिकारी और एक पुलिसकर्मी समेत पांच सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जम्मू-कश्मीर में बीते 8 दिनों में यह दूसरी बार है जब सेना के जवानों की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई है। आतंकियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर सोमवार की शाम को डोडा के उत्तरी क्षेत्र में भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने संयुक्त अभियान शुरू किया था।

जानकारी के मुताबिक सोमवार रात को करीब नौ बजे आतंकवादियों से सेना के जवानों का सामना हुआ था और इसके बाद भारी गोलीबारी हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ उस वक्त शुरू हुई थी जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के जवानों ने शाम को करीब 7 बजकर 45 मिनट पर देसा के जंगलों के धारी गोटे उरारबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। 

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के जंगलों में सोमवार को आतंकवादियों से मुठभेड़ में एक सैन्य अधिकारी सहित पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। आतंकियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर सोमवार की शाम को डोडा के उत्तरी क्षेत्र में भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने संयुक्त अभियान शुरू किया था। रात में करीब नौ बजे आतंकवादियों से सामना हुआ जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई। आतंकियों की तलाशी का अभियान जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ तब शुरू हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के जवानों ने शाम को करीब 7.45 बजे देसा के जंगलों के धारी गोटे उरारबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि गोलीबारी में एक अधिकारी सहित चार सैन्यकर्मी और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए। गोलीबारी शुरू में 20 मिनट से अधिक समय तक चली। अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया और उनकी हालत गंभीर बताई गई है। सेना ने बताया कि इलाके में अतिरिक्त जवानों को भेजा गया है और अंतिम रिपोर्ट आने तक अभियान जारी था।

जम्मू: कांग्रेस पार्टी की जम्मू-कश्मीर ईकाई ने बृहस्पतिवार को केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद को रोकने में भाजपा नीत केंद्र सरकार की कथित विफलता के खिलाफ रैलियां आयोजित कर विरोध जताया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को ‘मदद और बढ़ावा’ देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भी प्रदर्शन किया।

कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष वकार रसूल वानी और कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद पर लगाम लगाने में कथित रूप से विफल रहने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सरकार के खिलाफ नारे लगाए और जवाबदेही की मांग की।

वानी ने संवाददाताओं से कहा, ”जम्मू में 2021 से अबतक कई आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसमें हमारे 42 जवान और अधिकारी शहीद हो गए हैं। हम यहां की भयावह सुरक्षा स्थिति से बहुत चिंतित हैं।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की, इस दावे के लिए आलोचना की कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति है। उन्होंने कहा कि ऐसे दावे ‘झूठे’ हैं।

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