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नई दिल्ली: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों देशभर में काफी सुर्खियां बटोर रही है। अब कुछ ही दिनों में ये यात्रा जम्मू-कश्मीर के पड़ाव की तरफ कूच करेगी। इसी बीच कांग्रेस के लिए एक बुरी खबर ये आ रही है कि कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई की प्रवक्ता दीपिका पुष्कर नाथ ने इस्तीफ दे दिया। दीपिका ने पूर्व मंत्री लाल सिंह को राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल होने की ‘अनुमति' देने के पार्टी आलाकमान के फैसले का हवाला देते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। ‘भारत जोड़ो यात्रा' इस सप्ताह के अंत में केंद्र-शासित प्रदेश में प्रवेश करेगी।

नाथ ने कहा कि वह वैचारिक कारणों पर पार्टी छोड़ रही हैं, क्योंकि सिंह आठ साल की बच्ची के बलात्कारियों का “बेशर्मी से बचाव” करके 2018 के कठुआ दुष्कर्म मामले में अभियोजन का पक्ष कमजोर करने के लिए जिम्मेदार थे। दो बार के सांसद और तीन बार के विधायक सिंह 2014 में कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। वह जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा की पूर्ववर्ती गठबंधन सरकार में मंत्री भी थे।

जम्मू: जम्मू के रजौरी में अब गांव वालों को आतंकियों से खुद निपटने के लिये हथियार दिये जा रहे हैं। रजौरी के डांगरी में लोगों को 303 और एसएलआर राइफल्स बांटे जा रहे हैं। साथ में उनको चलाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। दरअसल डांगरी वही जगह है जहां पिछले दिनों आतंकी हमले में सात लोगो की मौत हो गई थी। डांगरी के सरपंच के मुताबिक शुरुआती फेज में पूर्व सैनिकों को 10 हथियार दिए गए हैं।

फिलहाल जिन्हें हथियार दिए गए हैं, वो गांव की सुरक्षा के लिये विलेज डिफेंस कमेटी में शामिल है। उधर जम्मू कश्मीर में आतंकियों का मुकाबला करने के लिए देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीआरपीएफ) द्वारा ग्राम विकास समिति (वीडीसी) के तहत ग्रामीणों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। पिछले दिनों जम्मू के राजौरी में हुए जघन्य हत्याकांड के बाद यह कदम उठाया गया है।

राज्य के कई ग्रामीण इलाकों में पहले से ही लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं। पुंछ-राजौरी में बड़ा आतंकी हमला होने के बाद अब जम्मू-कश्मीर के सभी इलाकों में इस योजना को अंजाम देने की रणनीति तैयार की गई है।

नई दिल्ली: लद्दाख के नेताओं ने केंद्र सरकार को बड़ा झटका देते हुए उनकी उच्चस्तरीय समिति से बाहर होने का फैसला किया है। इन नेताओं का कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से पहले लद्दाख जम्मू-कश्मीर के साथ ही बेहतर था। इन नेताओं का यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा क्षेत्र में असंतोष को समाप्त करने के लिए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के कुछ दिनों बाद लिया है। इन नेताओं ने केंद्र के पैनल का हिस्सा बनने से भी इंकार कर दिया है।

लद्दाख और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की सर्वोच्च संस्था ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यह समिति किसी भी कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगा। जब तक कि लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा सहित उनकी मांगों को एजेंडे का हिस्सा नहीं बनाया जाता है। इस समिति में लद्दाख के उपराज्यपाल, लद्दाख के सांसद, गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी और लेह और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस के शीर्ष निकाय के नौ प्रतिनिधि सदस्य हैं।

श्रीनगर: उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियां राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' से दूर रहेंगी। लेकिन जम्मू और कश्मीर में इस यात्रा में जमकर विपक्षी भागीदारी होगी। तीन पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के अलावा, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर मार्च में मजबूती से शामिल होने की पुष्टि की है। गुपकार अलायंस के एक अन्य सदस्य भाकपा के एमवाई तारिगामी भी इसमें शामिल होंगे।

दिल्ली तक पहला पड़ाव पूरा करने के बाद 'भारत जोड़ो यात्रा' में नौ दिन के लिए ब्रेक लिया गया है। तीन जनवरी को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा से फिर से शुरू होने वाली ये यात्रा महीने के अंत तक कश्मीर पहुंचेगी। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, "मुझे आज कश्मीर में राहुल गांधी जी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया गया है। उनके अदम्य साहस को सलाम और मेरा मानना ​​है कि फांसीवादी ताकतों को चुनौती देने का साहस रखने वाले के साथ खड़ा होना मेरा कर्तव्य है। बेहतर भारत बनाने की ओर उनके मार्च में शामिल होंगे।"

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