नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (14 दिसंबर) को लोकसभा में कई मुद्दों पर बात कही। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्षी पार्टियों पर भी जमकर निशान साधा. वहीं अब पीएम मोदी के लोकसभा में दिए गए भाषण पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और सपा सांसदों की प्रतिक्रिया सामने आई है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, "यह बहुत लंबा भाषण था, आज हमें 11 जुमलों का संकल्प सुनने को मिला। जो परिवारवाद की बात कर रहे हैं, उनके खुद के दल में (परिवारवाद) भरा पड़ा है। जातीय जनगणना को लेकर लगातार हम लोग आगे बढ़ रहे हैं और वो दिन आएगा, जब जातिगत जनगणना भी होगी और आबादी के हिसाब से लोगों को अधिकार और सम्मान भी मिलेगा।"
मणिपुर मुद्दे पर कुछ नहीं बोले पीएम मोदी: इकरा हसन
वहीं सपा सांसद इकरा हसन ने कहा, "हम निराश हैं कि उन्होंने (पीएम मोदी) संविधान के बारे में बात की, लेकिन उन्होंने यूपी में कानून-व्यवस्था, संभल, अल्पसंख्यकों के अधिकार और मणिपुर मुद्दे पर कुछ नहीं कहा।"
इकरा हसन ने कहा, "पीएम मोदी ने लोगों के मुद्दों को संबोधित नहीं किया।" इसके साथ ही सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा भाषण पर कहा, "आज जब प्रधानमंत्री सदन में बोल रहे थे, तो उम्मीद थी कि वह बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान में दलितों और पिछड़े समुदायों को दिए गए आरक्षण के प्रावधानों पर बात करेंगे। बोलते समय उन्हें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और इस देश के सभी लोगों के लिए क्या हासिल हुआ है, इसकी समीक्षा करनी चाहिए थी और विस्तृत विवरण प्रस्तुत करना चाहिए था।"
नई बातों से उम्मीद लगाना बेकार है: धर्मेंद्र यादव
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, "प्रधानमंत्री के अगर पुराने संकल्प पूरे हुए होते, तो नए संकल्पों पर चर्चा भी की जा सकती थी.।बहुत सारी बातें प्रधानमंत्री 2014 से करते आ रहे हैं। पुरानी बातें जब तक पूरी नहीं होतीं, तब तक नई बातों से उम्मीद लगाना बेकार है।"