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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारी बहादुर नेता इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर और बांग्लादेश को आजाद कराया... इस देश की शान पूरी दुनिया में फैली... वहां (बांग्लादेश में) जो गड़बड़ी चल रही है, कम से कम इन (बीजेपी) लोगों को अपनी आंखें खोलनी चाहिए और वहां के अल्पसंख्यकों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।” विपक्ष की ओर से राज्यसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने की।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया इंदिरा गांधी का जिक्र

खड़गे ने कहा कि आज 16 दिसंबर है और विजय दिवस का दिन है। इंदिरा गांधी की सरकार के समय बांग्लादेश की आजादी का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा कि एक लाख लोगों को बंदी बनाना आसान काम नहीं था, लेकिन इंदिरा गांधी ने बता दिया था कि हमारे देश के करीब आए तो खैर नहीं। उन्होंने कहा, लेकिन आज वहां के हालात गड़बड़ी चल रहे हैं। वहां सरकार को अल्पसंख्यकों को हमलों से बचाने की कोशिश करनी चाहिए।” 

मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- ये संविधान से जलने वाले लोग

मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि आप समाजवाद की बात करते हैं, आप पढ़ें इसे, जो लोग झंडे से, अशोक चक्र से और संविधान से नफरत करते हैं, ये लोग हमें पाठ पढ़ा रहे हैं। ये संविधान को जलाने वाले लोग हैं। राज्यसभा में सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमला करते हुए खड़गे ने अपने भाषण का अंत अहमद फराज़ की शायरी से किया।

निर्मला सीतारमण ने संविधान पर चर्चा की शुरुआत की

इससे पहलेराज्यसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। उन्होंने कहा कि यह चर्चा संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है।

सीतारमण ने कांग्रेस पर बोला हमला

सीतारमण ने राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने संविधाान में जो संशोधन किए वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए किये थे।

हमारा संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा: निर्मला सीतारमण

राज्यसभा में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "...द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, 50 से अधिक देश स्वतंत्र हो गए थे और उनका अपना संविधान लिखा हुआ था. लेकिन कई देशों ने अपने संविधानों को बदल दिया, न केवल उनमें संशोधन किया बल्कि वस्तुतः उनके संविधान की पूरी विशेषता को बदल दिया। लेकिन हमारा संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा।

संविधान निर्माताओं ने कई त्याग किए: निर्मला सीतारमण

राज्यसभा में निर्मला सीतारमण ने कहा कि संविधान ने संकटों का सामना किया। संविधान की 75 सालों की यात्रा उल्लेखनीय है।

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