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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
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नई दिल्ली: पाकिस्तान को हमले से पहले जानकारी देने के मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर घिरते जा रहे हैं। राहुल गांधी ने एक बार फिर उनके बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कोई चूक नहीं थी। यह एक अपराध था, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी और खुद जयशंकर को जवाब देना होगा। देश को सच्चाई जानने का हक है।

राहुल गांधी ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘क्या विदेश मंत्री जयशंकर की चुप्पी सब कुछ बता नहीं रही है? यह घातक है। इसलिए मैं फिर से पूछूंगा कि हमने कितने भारतीय विमान खो दिए क्योंकि पाकिस्तान को पहले से पता था?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई चूक नहीं थी, बल्कि यह एक अपराध था। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि देश को सच जानने का हक है।

वहीं इस मामले पर कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने विदेश मंत्री के बयान पर कुछ सवाल पूछे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि पिछले एक हफ्ते में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अलग-अलग देशों में एक बात दोहराते रहे कि उन्होंने युद्ध रुकवाने में मध्यस्थता की।’’

खेड़ा ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री ने जो किया है, उसे कूटनीति नहीं, बल्कि मुखबिरी कहा जाता है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या इसी मुखबिरी की वजह से मसूद अज़हर ज़िंदा बच गया और हाफिज सईद ज़िंदा भाग गया?’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री का यह बयान संवेदनशील है, क्योंकि इस बयान से तो यही लगता है कि आतंकी अपने ठिकानों से भाग गए होंगे। ऐसा क्यों किया गया, इस पर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री को जवाब देना होगा।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जयशंकर ने जो किया, वह पाप की श्रेणी में आता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप ने एक बहुत खौफ़नाक बात यह भी बोली कि उन्होंने भारत को व्यापार रोकने की धमकी देकर युद्ध रुकवाया। यानी सिंदूर का सौदा होता रहा, प्रधानमंत्री चुप रहे। विदेश मंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा।’’ खेड़ा ने दावा किया, ‘‘हमें नहीं मालूम कि अमेरिका और चीन के पास पीएम मोदी, विदेश मंत्री और बीजेपी के नेताओं के ऐसे कौन से राज हैं, क्योंकि इनका कभी अमेरिका और चीन के आगे मुंह नहीं खुलता। जब भी मुंह खुलता है तो सीधा क्लीन चिट देने के लिए खुलता है।’’

उनका कहना था, ‘‘पूरे देश और दुनिया को मालूम है कि इस युद्ध में चीन की क्या भूमिका रही है और अमेरिका ख़ुद इस युद्ध को रोकने में अपनी भूमिका आगे बढ़-चढ़कर बता रहा है, लेकिन जयशंकर जी का मुंह नहीं खुलता।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था, लेकिन अचानक से डोनाल्ड ट्रंप आए और उन्होंने संघर्ष विराम करा दिया। हमें सिंदूर से समझौता मंजूर नहीं है। देश से गद्दारी मंजूर नहीं है, चाहे वह कोई भी, किसी भी पद पर हो।’’

कांग्रेस और राहुल गांधी ने जयशंकर के एक बयान का वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया है कि पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सैन्य हमलों से पहले भारत सरकार ने पाकिस्तान को इस बारे में सूचित किया था। उधर, विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इस तरह के दावों को गलत बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने माना था कि भारत ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू होने से पहले पाकिस्तान को सचेत किया था।

 

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