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अमृतसर (पंजाब): पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध जैसे हालात पैदा किए। दोनों देशों के बीच तनाव के चलते अमृतसर के अटारी-वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी बंद कर दी गई थी। अब हालात सामान्य होने पर मंगलवार को अटारी बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी एक बार फिर से शुरू कर दी गई। हालांकि पहले दिन रिट्रीट देखने जाने वाले लोगों की संख्या एक हजार से 1500 के बीच रही।

अटारी बॉर्डर पर पहुंचे सैलानियों की ओर से वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे इतनी ऊंची आवाज में लगाए गए कि भारतीयों का जोश देखकर पाकिस्तानी रेंजर्स के होश उड़े फाख्ता हो गए। वहीं सेरेमनी के दौरान बीएसएफ की ओर से गेट पूरी तरह से बंद रखे गए। रिट्रीट सेरेमनी के दौरान सैलानियों ने बीएसएफ जवानों का हौसला बढ़ाया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सात मई से रिट्रीट सेरेमनी बंद कर दी गई थी।

पाकिस्तान की गैलरी रही पूरी तरह से खाली

रिट्रीट सेरेमनी शुरू हो जाने पर जहां एक तरफ भारतीयों की ओर से पूरा जोश दिखाया जा रहा था। वहीं इस बीच दूसरी तरफ पाकिस्तानी की गैलरी पूरी तरह से खाली थी। पाकिस्तानी रेंजर्स ने भी औपचारिकता के तौर पर अपनी तरफ से झंड़ा फहराने की रस्म तो अदा की, मगर खाली गैलरियां की मायूसी उनके चेहरों से साफ झलक रही थी।

टैक्सी चालकों में भी लौटी खुशी

रिट्रीट सेरेमनी होने से टैक्सी चालकों के चेहरों पर खुशी लौट आई। हालांकि पहले दिन 70 से 80 गाड़ियां ही सैलानियों को लेकर बॉर्डर पर गई थी। लेकिन टैक्सी चालकों को अब फिर से उम्मीद जाग गई है कि पहले की तरह सब कुछ ठीक हो जाएगा। सिंह टूर एंड ट्रैवल के मालिक दलजीत सिंह रंधावा ने बताया कि रिट्रीट सेरेमनी बंद होने के कारण टैक्सी चालकों का काम पूरी तरह से ठप पड़ा था। आज पहले दिन टैक्सियां रवाना हुई है। इससे सभी खुश हैं। उन्होंने बताया कि जिले में पांच हजार से ज्यादा टैक्सी चालक हैं, जोकि रोजाना बॉर्डर के लिए जाते हैं।

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