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जम्मू-कश्मीर के त्राल में एनकाउंटर, सुरक्षाबलों ने एक आतंकी किया ढेर

श्रीनगर: कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की पिछले हफ्ते मौत के बाद इंटरनेट सेवाओं सहित अन्य प्रतिबंध लगाए गए थे, अब इन पाबंदियों में ढील दी गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को ट्वीट में यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, "जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों में स्थिति पूरी तरह से सामान्य" है। इसके साथ ही सुरक्षा बलों द्वारा दिखाया गया विशेष संयम और स्थानीय लोगों खासकर युवाओं के बहुत ही जिम्मेदार आचरण की सराहना की गई है।

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने स्थिति को अत्यधिक पेशेवर तरीके से संभालने के लिए पुलिस, केंद्रीय केन्द्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) और सेना की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस तथा सुरक्षा बलों द्वारा दिखाया गया विशेष संयम और स्थानीय लोगों खासकर युवाओं के बहुत ही जिम्मेदार आचरण की सराहना की जाती है। सैयद अली शाह गिलानी का लंबी बीमारी के बाद पिछले बुधवार रात उनके आवास पर निधन हो गया था। नजदीक ही एक मस्जिद के कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया था।

सिंह ने कहा कि शांति बहाल करने के लिए सभी पक्षों को साथ आना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘शांति कायम करने, शांति के दुश्मनों की पहचान करने और शरारती तत्वों को बाहर निकालने के लिए हमें एक साथ आगे बढ़ना होगा और कानून के तहत उनसे सख्ती से निपटना होगा।''

डीजीपी ने कहा कि घाटी में अधिकतर प्रतिबंधों में ढील दी गई है, जिसमें इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों में स्थिति सामान्य है, लेकिन फिर भी वहां कड़ी निगरानी रखी जा रही है।''

92 वर्षीय अलगाववादी नेता का पिछले बुधवार शाम निधन हो गया था। उनकी मृत्यु के बाद कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, साथ ही फोन और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था। कट्टरपंथी अलगाववादी का गुरुवार को भोर से पहले अंतिम संस्कार किया गया था। परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शव को जबरन उठा लिया और उन्हें अंतिम अधिकारों में हिस्सा भी नहीं लेने दिया गया।

उनके बेटे नसीम गिलानी ने कहा था, "पुलिस शव ले गई थी। हम सुबह दफनाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया। उन्होंने दरवाजे तोड़ दिए और परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया। "पुलिस ने बचाव में कहा कि परिवार रात में दफनाने पर सहमत हो गया था।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद घटे घटनाक्रम का सिलसिलेवार वीडियो भी सोमवार को जारी किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि गिलानी के निधन के बाद आईजी कश्मीर विजय कुमार, एसपी और एएसपी उनके दोनों बेटों से रात 11 बजे के वक्त मिले। उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त की और आम जनता के व्यापक हित को देखते हुए रात में उन्हें दफनाने की गुजारिश की। दोनों इस पर सहमत हो गए। लेकिन वहां गिलानी के पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया और पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी की गई।

कश्मीर के 10 में से 8 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बहाल
सैयद अली शाह गिलानी की मौत के कुछ घंटे बाद बुधवार देर रात फोन पर कॉल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर और बडगाम जिलों को छोड़कर सोमवार शाम करीब सात बजे घाटी के सभी जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। पुलिस ने कहा कि श्रीनगर और बडगाम जिलों में इन सेवाओं के निलंबन की मंगलवार को समीक्षा की जाएगी।

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