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श्रीनगर: दो साल पहले अनुच्छेद 370 रद्द करने के बाद शनिवार को पहली बार घाटी का दौरा करने पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन होगा, चुनाव भी होगा और राज्य का दर्जा भी वापस मिलेगा। दरअसल, गृहमंत्री तीन दिनों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर के युवाओं पर आतंक का साया था. आज कश्मीर के युवा बदलाव की बात कर रहे हैं। खेल और पर्यटन से युवाओं को जोड़ रहे हैं। खेल ही युवाओं को हार और जीत सिखाता है।

यूथ क्लबों के सदस्यों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अब अनुच्छेद 370 को रद्द करना "अपरिवर्तनीय" है। जम्मू कश्मीर में परिसीमन होगा, चुनाव भी होगा और राज्य का दर्जा भी वापस मिलेगा। यही नहीं, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार का नाम लिए बिना शाह ने परिवारवाद पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि 70 साल में देश को क्या मिला ये मैं कहना नहीं चाहता। लेकिन 70 साल में कश्मीर को 6 सांसद और तीन परिवार मिले थे। देश की आजादी के बाद 70 साल तक लोकतंत्र परिवारवाद की गिरफ्त में था।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में महीनों तक कर्फ्यू लगा रहा और दुनिया में सबसे लंबे समय तक इंटरनेट सेवा बंद रही। इसे लेकर बहुत आलोचना भी हुई। इसका मैं जवाब दूंगा लेकिन पहले मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं। 70 साल तक, तीन परिवारों ने यहां शासन किया। कश्मीर में 40,000 लोग क्यों मारे गए? क्या आपका पास कोई जवाब है?"

शाह ने कहा कि उस दौरान (जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था), उन्होंने लोगों को भड़काने की कोशिश की थी। एक साजिश रची गई थी, कुछ विदेशी ताकतें इसमें शामिल थीं। अगर हमने कर्फ्यू नहीं लगाया होता तो कितने पिता अपने छोटे बच्चों के ताबूतों को कंधा देते। कर्फ्यू लगाकर किसे बचाया गया? कश्मीर के युवाओं को बचाया गया।

उन्होंने कहा कि दो साल पहले, कश्मीर से आतंकवाद और पथराव के बारे में खबरें आती थीं। आज वह विकास, शिक्षा, कौशल विकास, युवाओं की अखंडता की आती हैं। वह कश्मीर के युवाओं के साथ दोस्ती करने के लिए कश्मीर का दौरा कर रहे हैं। मोदी जी और भारत सरकार से हाथ मिलाएं और कश्मीर को आगे ले जाने की यात्रा में भागीदार बनें। घाटी के युवाओं को अपनी प्रगति के लिए प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।

उधर महबूबा मुफ़्ती ने ट्वीट करते हुए केंद्र पर निशाना साधा और कहा गृहमंत्री श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का उद्घाटन करते हैं, नए मेडिकल कॉलेज की नींव भी रखते हैं.।लेकिन सच्चाई ये है कि आधे से ज्यादा मेडिकल कॉलेजों को मंज़ूरी कांग्रेस सरकार के दौरान मिल गई थी। 370 हटने के बाद से तो सिर्फ परेशानियां बढ़ी हैं, जम्मू-कश्मीर को अराजकता की ओर धकेल दिया गया है।

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