नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को अगले आदेश तक घर पर नजरंबद कर दिया गया है। महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को सुरक्षा बलों की ओर से कथित तौर नागरिकों की हत्या के खिलाफ जम्मू में एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, जिसके बाद उनके घर पर नजरबंद बंद कर दिया गया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मुफ्ती को उनके घर पर ही नजरंबद रखा गया है। जम्मू में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए महबूबा मुफ्ती ने मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंपने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) लागू हुआ है, निर्दोषों की हत्याओं के लिए कोई जवाबदेही नहीं है।
बता दें कि घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सोमवार शाम सुरक्षा बलों की मुठभेड़ में दो नागरिकों सहित चार लोग मारे गए। महबूबा ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ पार्टी के गांधीनगर स्थित मुख्यालय में प्रदर्शन किया।
उनके हाथ में पोस्टर था जिस पर लिखा था, 'हमें मारना बंद करो, हैदरपुरा मामले की जांच करो और शव परिवारों को सौंपे जाएं'। हालांकि, बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को मुख्य मार्ग की ओर बढ़ने से रोक लिया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मारे गए नागरिकों के परिवार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उनके शवों को सौंपने की मांग कर रहे हैं। मुफ्ती ने आगे कहा 'यह क्रूर सरकार लोगों को मार कर शव भी नहीं सौंप रही है। वे (भाजपा) गांधी, नेहरू और अंबेडकर के इस देश को गोडसे के देश में बदलना चाहते हैं। इसके अलावा मैं क्या कह सकता हूं?'