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एस जयशंकर से पहले सेना दे चुकी है राहुल गांधी के सवाल का जवाब
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नई दिल्‍ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह ने वेब पोर्टल द वायर के ख़िलाफ़ 100 करोड़ की आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया है। रविवार को को जय शाह के बचाव में उतरे भाजपा के बड़े नेता सोमवार को इस मुद्दे पर दिल्ली में ख़ामोश रहे, जबकि विपक्ष हमले पर हमला बोलता रहा। हमले की जद में अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक हैं।

कांग्रेस को लग रहा है कि गुजरात चुनाव से पहले उसे वो मुद्दा मिल गया जिसकी तलाश थी। अमित शाह के बेटे जय शाह के कारोबार में नाटकीय उछाल को लेकर दिल्ली, जयपुर और लखनऊ तीनों शहरों में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर पार्टी ने अमित शाह से इस्तीफा मांगा और प्रधानमंत्री से चुप्पी तोड़ते हुए इस मामले की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के कारोबार पर ख़बर लिखने के मामले में जय शाह ने न्यूज़ वेबसाइट द वायर के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया है। सोमवार को अपने ख़िलाफ़ छपी रिपोर्ट को लेकर जय शाह ने अहमदाबाद की कोर्ट में 100 करोड़ का केस कर दिया।

अहमदाबाद: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज (सोमवार) से एक बार फिर तीन दिन के गुजरात दौरे के लिए यहां पहुंच गए और उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हवाई अड्डे पर ही एक अनौपचारिक बैठक की। वह आज ही खेडा जिले के हाथीजण सर्किल से नवसर्जन गुजरात यात्रा के दूसरे चरण की शुरूआत करेंगे।

पार्टी के 11 अक्टूबर तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान वह मध्य गुजरात के खेडा, आणंद, वडोदरा, छोटा उदेपुर, पंचमहाल और दाहोद जिलों का दौरा करेंगे। आज वह रात्रि विश्राम वडोदरा में करेंगे जबकि कल छोटा उदेपुर में। उनकी यात्रा का समापन फागवेल में एक सभा के साथ होगा।

गांधी की आज हवाई अड्डे पर अनौपचारिक बैठक में राज्यसभा सांसद अहमद पटेल, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी और अन्य नेता उपस्थित थे।

अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने गोधरा स्टेशन पर वर्ष 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाकर 59 लोगों की जान लेने के मामले में अहम फैसला सुनाते हुए दोषी करार दिए जा चुके 11 लोगों की फांसी की सज़ा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है, जबकि 20 दोषियों को उम्रकैद तथा 63 आरोपियों को बरी करने के फैसले को नहीं पलटा है।

विशेष अदालत ने इस मामले में कुल 94 में से 63 आरोपियों को बरी कर दिया था, और कुल 31 आरोपियों को दोषी करार देकर उनमें से 11 को फांसी तथा 20 को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी।

गोधरा स्टेशन पर हुई इस वारदात के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 1,000 से भी ज़्यादा लोग मारे गए थे। इस मामले में सभी 94 आरोपी मुस्लिम थे, और उन पर हत्या तथा षड्यंत्र रचने के आरोप थे। वर्ष 2011 में विशेष अदालत ने आगज़नी की वारदात का मास्टरमाइंड माने जाने वाले मौलवी उमरजी समेत 63 लोगों को बरी कर दिया था, और हाईकोर्ट ने भी उस फैसले में कोई बदलाव नहीं किया है।

अहमदाबाद: साल 2002 में गोधरा में ट्रेन के डिब्बे जलाने के मामले में एसआईटी की विशेष अदालत की ओर से आरोपियों को दोषी ठहराए जाने और बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर गुजरात हाईकोर्ट आज सोमवार को अपना फैसला सुना सकता है।

साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे को 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर आग के हवाले कर दिया गया था, जिसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे। इस डिब्बे में 59 लोग थे, जिसमें ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे कार सेवक थे।

एसआईटी की विशेष अदालत ने एक मार्च 2011 को इस मामले में 31 लोगों को दोषी करार दिया था जबकि 63 को बरी कर दिया था। 11 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई जबकि 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। बाद में हाईकोर्ट में कई अपीलें दायर कर दोषसिद्धी को चुनौती दी गई जबकि राज्य सरकार ने 63 लोगों को बरी किए जाने को चुनौती दी है।

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