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बेंगलुरू: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा है कि केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच मतभेद उतने बुरे नहीं हैं बल्कि इनसे तो नीतियों के सुधार में योगदान मिलता है। सुब्बाराव ने कहा, ‘केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच मतभेद तो होने ही हैं, लेकिन वे अपने आप में खराब नहीं हैं। वास्तव में मैं तो इससे भी आगे बढ़कर कहूंगा कि मतभेदों से जन नीतियों के सुधार में योगदान होता है।’ सुब्बाराव से पूछा गया था कि क्या उनके व तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बीच तथा रघुराम राजन व मौजूदा वित्त मंत्री अरूण जेटली के बीच मतभेद भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे हैं? सुब्बाराव ने इसके साथ ही उक्त दोनों सस्थानों के बीच मतभेदों के प्रबंधन के लिए उचित व्यवस्था, प्रोटोकाल व आस्था पर जोर दिया ताकि इससे न तो सार्वजनिक बहस बिगड़े नहीं और न ही वित्तीय बाजार भ्रमित हों। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के गठन पर सुब्बाराव ने कहा कि समिति में बदलाव की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे रिजर्व बैंक की स्वायत्तता मजबूत ही होगी।

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