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नई दिल्ली: गरीबों को दी जाने वाली सब्सिडी पर नीतिगत नजरिये से सबका ध्यान चला जाता है लेकिन सरकार की कई ऐसी नीतियां हैं जिससे संपन्न वर्ग को भी अच्छा-खासा लाभ होता है। लघु बचत योजनाओं तथा रसोई गैस, रेलवे, बिजली, विमान ईंधन, सोना तथा केरासिन पर कर राहत या सब्सिडी से करीब एक लाख करोड़ रुपये का फायदा हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धनाढ्यों को मिलने वाली कर छूट का मामला उठाये जाने के बाद समीक्षा में यह बात कही गयी है। प्रधानमंत्री ने पिछले महीने गरीबों को मिलने वाली सब्सिडी तथा धनी लागों को मिलने वाली कर छूट की तुलना करते हुए कहा था, ‘जब लाभ किसानों या गरीबों को दिया जाता है, विशेषज्ञ एवं सरकारी अधिकारी इसे आम तौर पर सब्सिडी कहते हैं। लेकिन जब इसका लाभ उद्योग या वाणिज्य को मिलता है तो उसे सामान्य रूप से ‘प्रोत्साहन’ या ‘सहायता’ कहते हैं।

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज (शुक्रवार) संसद में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया। इस रिपोर्ट में आम आदमी को प्रभावित करने वाले सातवें वित्त आयोग की सिफारिशों पर कहा गया है कि इसके लागू करने से बाजार की कीमतों से अस्थिरता नहीं आएगी। रिपेार्ट में कहा गया है कि वेतन वृद्धि लागू करने से महंगाई पर थोड़ा असर तो होगा लेकिन कीमतें अस्थिर हो जाएंगी ऐसी कोई संभावना नहीं है। संसद में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में भारी उतार चढ़ाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में विपरीत परिस्थितियों से उबरने की क्षमता समकक्ष वैश्विक शेयर बाजारों से अधिक है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम द्वारा तैयार आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘बाजार में कई बार गिरावट के बाद फिर तेजी आई है।’

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): आम बजट से पहले आज पेश सालाना आर्थिक समीक्षा में वाह्य स्थिति को चुनौतीपूर्ण करार दिया गया है,समीक्षा में चेतावनी दी गई है कि यदि विश्व अर्थव्यवस्था में नरमी बरकरार रहती है तो भारत की वृद्धि दर को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि बावजूद इसके अगले वित्त में आर्थिक वृद्धि 7-7.5 प्रतिशत रहने की संभावना व्यक्त की गयी है। समीक्षा में कहा गया है कि अगले कुछ साल में जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर आठ प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। संसद में पेश वित्त वर्ष 2015-16 के आर्थिक सर्वेक्षण में नीति और नियमों में सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया गया है ताकि वृहत्-आर्थिक स्थिरता को बनाए रखते हुए तीव्र वृद्धि के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। समीक्षा में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों और 2015-16 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर अनुमानित स्तर से कम रहने के बावजूद 3.9 प्रतिशत राजकोषीय लक्ष्य प्राप्त करने योग्य नजर आता है।

नई दिल्ली: भारतीय उद्योग जगत ने 2016-17 के रेल बजट को वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाला बताया है। उद्योग जगत ने कहा कि 2019 तक तीन नए मालढुलाई गलियारे से परिवहन की लागत घटाने में मदद मिलेगी। हालांकि, उद्योग जगत की राय है कि 1.84 लाख करोड़ रुपये के राजस्व सृजन का लक्ष्य ‘काफी चुनौतीपूर्ण’ है। रेल बजट में यात्री किराये और मालभाड़े में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसमें तीन नई सुपरफास्ट ट्रेनें शुरू करने और 2019 तक समर्पित मालढुलाई गलियारे उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम और पूर्वी तटीय की घोषणा की गई है। एलएंडटी के रेल कारोबार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव ज्योति ने कहा, ‘‘रेल मंत्री ने काफी ऊंचा 1.8 लाख करोड़ रुपये का राजस्व सृजन लक्ष्य रखकर काफी आक्रामक रुख अख्तियार किया है। मुझे लगता है कि यह काफी बड़ी चुनौती है, विशेषकर आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर चुनौतियों को देखते हुए।’’ उन्होंने कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशों से रेलवे पर 30,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

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