ताज़ा खबरें
एस जयशंकर से पहले सेना दे चुकी है राहुल गांधी के सवाल का जवाब
हैदराबाद के चारमीनार के पास इमारत में लगी भीषण आग, 17 की मौत
कांग्रेस ने एस जयशंकर पर लगाया आरोप, विदेश मंत्रालय ने दी सफाई

लंदन: कतर के शाही परिवार की दो सदस्य एक दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। लाखों डॉलर के हीरे के विवाद में दोनों ने सोमवार (11 नवंबर 2024) को लंदन के हाई कोर्ट पहुंचे। अब इस विवाद का फैसला कोर्ट करेगा। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

दरअसल, कतर के शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी के चचेरे भाई शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी ने पूर्व संस्कृति मंत्री शेख सऊद बिन मोहम्मद अल थानी के रिश्तेदारों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमद बिन अब्दुल्ला की एक कंपनी 70 कैरेट रत्न खरीदने के अपने कथित अधिकार को लागू करने की कोशिश कर रही है।

यहां से शुरू हुआ विवाद

शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी की कंपनी क्यूआईपीसीओ के पास 'आइडल्‍स आई' नाम का हीरा है। इसकी कीमत लाखों डॉलर में बताई जाती है। उन्‍हें यह हीरा शेख सऊद ने उधार दिया था। शेख सऊद 1997 और 2005 के बीच कतर के संस्कृति मंत्री थे।

रियाद: मिडिल ईस्ट में लंबे समय से चल रहे तनाव के बीच सऊदी अरब के रियाद में सोमवार (11 नवंबर 2024) को एक अहम सम्मेलन हुआ। अरब और इस्लामिक देशों के इस संयुक्त सम्मेलन में इजरायल की ओर से गजा और लेबनान पर हो रहे हमलों को लेकर काफी चर्चा हुई। इस दौरान सभी ने एक सुर में यही कहा कि गाजा और लेबनान में हमले रुकने चाहिए।

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सम्मेलन में सबसे पहले भाषण दिया। उन्होंने गजा में इजरायल की ओर से हो रहे जनसंहार की निंदा करते हुए कहा, "लेबनान और गजा में तत्काल प्रभाव से युद्ध पर विराम लगना चाहिए।" इसके बाद सम्मेलन में आए दूसरे मेहमानों ने अपनी बात रखी और सभी ने इजरायल के हमलों को गलत बताया।

सम्मेलन में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने गजा पट्टी पर फिलिस्तीन का हक जताया। उन्होंने कहा, "गाजा पट्टी फिलिस्तीन की ज़मीन का अभिन्न अंग है और भविष्य के किसी भी समाधान में वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी को शामिल होना चाहिए।"

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप अपनी दूसरी पारी के लिए तैयार हैं। उनका शपथ ग्रहण बेशक जनवरी 2025 में हो, लेकिन उन्होंने अपनी टीम बनानी शुरू कर दी है। उन्होंने हाल ही में कई नियुक्तियां की हैं।

इस बार उनका फोकस अमेरिका में अवैध रूप से आने वालों को रोकना है। जीत के बाद अपने भाषण में भी वह इस बात को दोहरा चुके हैं। यही वजह है कि वह नियुक्ति करते वक्त ऐसे अफसरों को चुन रहे हैं, जो उनके प्लान को सख्ती से लागू कर सकें। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि ट्रंप की इस सख्ती का असर वर्क वीजा पर वैध रूप से अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों पर भी पड़ेगा।

दरअसल, ट्रंप ने इमिग्रेशन और कस्टम एन्फोर्समेंट (आईसीई) के पूर्व प्रमुख टॉम होमन को "बॉर्डर जार" नियुक्त किया है। होमन हमेशा से आक्रामक बॉर्डर एनफोर्समेंट के समर्थक रहे हैं। वह सीनेट दक्षिणी और उत्तरी के साथ ही समुद्री और विमानन सुरक्षा की देखरेख करेंगे। इसके अलावा उन्हें निर्वासन की जिम्मेदारी भी दी गई है।

मॉस्को: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन कॉल पर हुई बातचीत को लेकर कई सारी अटकलें सामने आ रही है। इसी बीच क्रेमलिन के प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह की उस दावा को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि डोनाल्ड ट्रंप ने व्लादिमीर पुतिन को फोन किया और दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की थी।

क्रेमलिन के प्रवक्ता ने बताया- 'पूरी तरह से झूठ'

इस मामले में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इसे पूरी तरह से झूठी सूचना बताया और कहा कि ट्रंप और पुतिन के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई है। बता दें कि वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने रिसॉर्ट मार-ए-लागो से पुतिन को फोन किया था और दोनों ने यूक्रेन के युद्ध के समाधान पर बातचीत की थी।

इसके साथ ही वाशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ट्रंप ने पुतिन को यूरोप में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति की याद दिलाई थी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख