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तेहरान: ईरान ने उन मीडिया रिपोट्स को पूरी तरह निराधार बताकर खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि तेहरान ने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इन खबरों को इजरायल की साजिश बताया।

ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आरआरएनए के मुताबिक इस्माइल बाघई हमानेह ने शनिवार (09 नवंबर) को कहा कि मौजूदा दौर में इस तरह के दावों को दोहराना ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मुद्दों को और अधिक जटिल बनाने की एक घृणित साजिश है।

इस्माइल बाघई हमानेह ने इस बात पर जोर दिया कि ईरान के खिलाफ इस तरह के दावों को पहले भी खारिज कर चुका है और ऐसे दावों का झूठ भी उजागर हुआ है। बाघई ने जोर देकर कहा कि तेहरान राष्ट्र के अधिकारों की रक्षा के लिए सभी कानूनी और वैध साधनों का इस्तेमाल करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप के अगले राष्ट्रपति चुने जाने से पहले उनकी हत्या की साजिश के सिलसिले में एक अफगान नागरिक के खिलाफ आरोप लगाए हैं।

ओटावा: कनाडा में लगातार खालिस्तान समर्थक अलगाववादी हिंदुओं और उनके मंदिर को निशाना बना रहे हैं। बीते रविवार (3 नवंबर) को ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी अलगाववादियों ने हमला किया था। भारत सरकार ने भी इन हमलों की निंदा की थी। इसी बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने माना है कि देश में खालिस्तान समर्थक हैं। वहीं, उन्होंने कनाडा में हिंदू समुदाय के लोगों को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया है।

कनाडा में हैं खालिस्तान समर्थक: जस्टिन ट्रूडो

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि खालिस्तान समर्थक अलगाववादी कनाडा में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। समाचार रिपोर्टों में कहा गया है कि ट्रूडो ने यह बयान पिछले हफ्ते ओटावा के पार्लियामेंट हिल में एक दिवाली कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए दिया है। उन्होंने कहा, "कनाडा में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, लेकिन वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। देश में हिंसा या असहिष्णुता या धमकी के लिए कोई जगह नहीं है। हम ऐसे नहीं हैं।"

दोहा: हमास के नेताओं को एक बड़ा झटका लगा है। कतर ने हाल में ही अमेरिका के अनुरोध के बाद हमास के नेताओं को अपने देश से बाहर निकलने को कह दिया है। हमास के कई बड़े नेता कतर की राजधानी दोहा में रहते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। इसी कड़ी में अमेरिकी अधिकारियों ने अपने कतर के समकक्षों को लगभग दो सप्ताह पहले सूचित किया था कि उन्हें अपनी राजधानी में हमास को शरण देना बंद करना होगा। सूत्रों के अनुसार, कतर अब इस बात से सहमत हो गया है। उसने लगभग एक सप्ताह पहले हमास को देश छोड़ने के लिए कह दिया है।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, "हमास एक आतंकवादी समूह है, जिसने अमेरिका के नागरिकों को मारा है और उन्हें बंधक बनाया है। इसके अलावा बंधकों को रिहा करने के प्रस्ताव को भी बार-बार अस्वीकार किया है। ऐसे में इसके नेताओं का अब किसी भी अमेरिकी साझेदार की राजधानियों में स्वागत नहीं किया जाना चाहिए।"

मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि भारत वैश्विक महाशक्तियों की सूची में शामिल होने का हकदार है क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था वर्तमान में किसी भी अन्य देश की तुलना में तेजी से बढ़ रही है। सोचि में ‘वल्दाई डिस्कशन क्लब’ के सत्र को संबोधित करते हुए पुतिन ने गुरुवार (7 नवंबर 2024) को कहा, "दुनिया को देखना चाहिए कि भारतीय सशस्त्र बलों के साथ कितने तरह के रूसी सैन्य हथियार सर्विस में हैं। इस रिश्ते में काफी हद तक भरोसा है। हम भारत को सिर्फ अपने हथियार नहीं बेचते हैं, हम उसे मिलकर डिजाइन करते हैं।

हर तरह से भारत के साथ संबंधों का कर रहे हैं विस्तार: पुतिन

पुतिन ने यह भी कहा कि भारत के साथ रूस सभी दिशाओं में संबंध विकसित कर रहा है और द्विपक्षीय संबंधों में एक-दूसरे पर दोनों देशों का गहरा विश्वास है। उन्होंने कहा, "डेढ़ अरब की आबादी, दुनिया की सभी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज प्रगति, प्राचीन संस्कृति और भविष्य में विकास की बहुत अच्छी संभावनाओं की वजह से भारत को बेशक महाशक्तियों की फेहरिस्त में शामिल किया जाना चाहिए।"

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