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नई दिल्ली (नरेन्द्र भल्ला): दिवाली से पहले ही देश में सोने की कीमत ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छूकर कारोबारी-जगत से लेकर तमाम लोगों को चौंका दिया है। गुरुवार यानि 24 अक्टूबर को दिल्ली समेत सभी प्रमुख शहरों में 24 कैरेट सोने का भाव 84 हजार रुपये प्रति दस ग्राम को पार कर गया। सर्राफा बाजार के जानकारों के मुताबिक धन तेरस पर यह पीली धातु एक नया रिकॉर्ड बना सकती है। लेकिन इसकी कीमत में एकाएक इतनी जबरदस्त तेजी क्यों आई, इसे समझना इसलिये भी जरुरी है कि महज पिछले दो महीने 10 दिन में ही इसमें 11 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से भी ज्यादा की बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है।

दरअसल,सोने की कीमत इतनी तेजी से बढ़ने के पीछे दो-तीन बड़ी वजह हैं,जिसे देखते हुए ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ महीने इस पर लगाम लगना बेहद मुश्किल है। त्यौहार का सीजन और शादियों के अलावा दुनिया के कुछ हिस्सों में जारी युध्द ने भी इसकी कीमत को उम्मीद से ज्यादा उछाला है। इसके अलावा भारत ने फिर से सोने का भंडार बढ़ाया है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): किसानों को मोदी सरकार ने दिवाली पर बड़ा गिफ्ट दिया है। सरकार ने रबी फसलों की एमएसपी बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए रबी की 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस फैसले के तहत अलग-अलग फसलों के रबी में वृद्धि की गई है, जिससे किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे।

सरकार का यह कदम किसानों को उनकी फसलों के उचित मूल्य दिलाने के मकसद से उठाया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई है। किसानों के कल्याण से जुड़ा आज सबसे बड़ा फैसला लिया गया। सरकार की सोच स्पष्ट है और किसानों के कल्याण पर पूरा ध्यान है। रबी विपणन सत्र के लिए एमएसपी को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रक्रिया में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। सबसे बड़ी बात यह है कि कीमत लागत से पचास प्रतिशत अधिक होनी चाहिए। किसानों के उत्थान के लिए रबी की फसल को लेकर फैसला लिया गया है। इसके लिए रबी में बढ़ोतरी की गई है।"

गेहूं की एमएसपी ₹2,425 प्रति क्विंटल कर दी गयी है, जो पहले ₹2,275 थी। ₹150 प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली: थोक महंगाई दर के आंकड़ों के बाद खुदरा महंगाई के आंकड़े भी जारी हो गए हैं। सितंबर में भारत की खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर 5.49 प्रतिशत तक बढ़ गई। यह इजाफा खाने-पीने के चीजों की कीमतें लगातार बढ़ने के कारण हुआ। खुदरा महंगाई दर पिछले महीने दर्ज किए गए 5 साल के निचले स्तर 3.65% से कहीं अधिक है। जुलाई के बाद पहली बार यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 4% के मध्यम अवधि के लक्ष्य को पार कर गई।

खुदरा महंगाई बढ़ने का ये है कारण

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई बास्केट में आधी हिस्सेदारी रखने वाले खाद्य पदार्थों की महंगाई दर सितंबर में 9.24% पर पहुंच गई। अगस्त महीने में खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर 5.66 थी। इससे पहले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर जुलाई 2024 में 3.6 प्रतिशत और अगस्त 2024 में 3.65 प्रतिशत थी। जुलाई-अगस्त दोनों ही महीनों में खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के लक्ष्य के भीतर थी। दूसरी ओर, अगस्त 2023 में सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई दर 6.83 प्रतिशत थी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के महंगे होने से थोक मूल्य मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 1.84 फीसदी हो गई। अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 1.31 फीसदी थी। पिछले साल सितंबर में यह 0.07 फीसदी घटी थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 11.53 फीसदी हो गई, जबकि अगस्त में यह 3.11 फीसदी थी। इसकी वजह सब्जियों की मुद्रास्फीति रही, जो सितंबर में 48.73 फीसदी बढ़ी थी। अगस्त में यह 10.01 फीसदी घट गई थी। आलू की मुद्रास्फीति सितंबर में 78.13 और प्याज की 78.82 प्रतिशत पर उच्च स्तर पर बनी रही। ईंधन और बिजली श्रेणी में सितंबर में 4.05 फीसदी की अपस्फीति देखी गई, जबकि अगस्त में 0.67 प्रतिशत की अपस्फीति हुई थी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सितंबर, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों के निर्माण, मशीनरी और उपकरणों के निर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

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