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नई दिल्ली: कर्ज सस्ता होने और ईएमआई का बोझ कम होने का इंतजार कर रहे लोगों को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है। रिजर्व बैंक ने रिकॉर्ड 9 वीं बैठक में भी रेपो रेट को कम नहीं किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज गुरुवार को बताया कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने एक बार फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया है।

सस्ते कर्ज का इंतजार जारी

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक के लिए महंगाई अभी भी सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। यही कारण है कि मौद्रिक नीति समिति ने एक बार फिर से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया। ब्याज दरों को कम करने के लिए रिजर्व बैंक अभी और इंतजार करने के पक्ष में है। आरबीआई की अगस्त एमपीसी बैठक 6 अगस्त को शुरू हुई थी और आज संपन्न हुई। उसके बाद आरबीआई गवर्नर ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एमपीसी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने का पक्ष लिया। एमपीसी की अगली बैठक अक्टूबर महीने में होगी।

नई दिल्ली: लोकसभा ने मंगलवार को केंद्र सरकार के 2024-25 के लिए 48.21 लाख करोड़ रुपये के बजट को ध्वनि मत से पारित कर दिया। निचले सदन ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बजट को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इनसे संबंधित विनियोग विधेयक भी सदन की ओर से पारित कर दिया गया।

बजट पर कई दिन चली बहस का जवाब देते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद के 4.9 प्रतिशत और 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का प्रस्ताव है।

वित्त मंत्री बोलीं- '2047 तक विकसित भारत बनाना लक्ष्य'

वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट की चर्चा का जवाब देते कहा कि हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत बनाना है। इस वित्तीय वर्ष में 48.2 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा यह बजट विकसित भारत के लिए है और इसे भौगोलिक विकास के हिसाब से तैयार किया गया है।  वित्त मंत्री ने कहा कि "हम देश में स्थितरता के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।"

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश किया। इस बजट में किसानों, युवाओं, नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़े एलान किए गए हैं।

टैक्स स्लैब के तहत किया गया ये प्रावधान

नई कर व्यवस्था में व्यक्तिगत आयकर दरों पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'नई कर व्यवस्था के तहत, कर दर संरचना ऐसी होगी, जिसमें 0 से 3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3-7 लाख रुपये की आय पर 5% और 7-10 लाख रुपये की आय पर 10% आयकर लगेगा। वहीं 10-12 लाख की आय पर 15% और 12-15 लाख रुपये की सालाना आय पर 20%, और 15 लाख से अधिक की आय पर 30% आयकर लगेगा।

सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया है।

पारिवारिक पेंशन पर छूट की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों बदलावों से चार करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनर्स को फायदा मिलेगा।

नई दिल्ली: लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण पढ़ना शुरू कर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत का आर्थिक विकास दुनिया के लिए उत्कृष्ट उदाहरण है। भारत इसी तरह प्रगति की राह पर आगे बढ़ता रहेगा। मंहगाई को 4 प्रतिशत पर लाने की कोशिश हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में सरकार की नौ प्राथमिकताएं हैं।

वित्त मंत्री ने कहा 'हमने पीएम गरीब कल्याण योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया। इससे 80 करोड़ से अधिक गरीबों को लाभ हो रहा। रोजगार, कौशल प्रशिक्षण के लिए पीएम की पांच योजनाओं के पैकेज की घोषणा। इससे पांच साल में 4 करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ होगा। इन योजनाओं पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 

बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान

बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस फंड से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।

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