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नई दिल्ली: कई पूर्व सांसदों पर अपने कार्यकाल के बाद भी आधिकारिक आवास पर कब्जा रखने के एवज़ में किराए के तौर पर 93 लाख रुपये से अधिक बकाया है। सबसे अधिक बकाया राज्यसभा के पूर्व सदस्य गिरीश कुमार सांघी पर 23 लाख रुपये से अधिक का है। सांघी हाल में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। 31 दिसंबर 2015 तक बकाए की स्थिति को दर्शाने वाला दस्तावेज संपत्ति निदेशालय ने आरटीआई अधिनियम के तहत आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल को मुहैया कराया है। संपर्क किए जाने पर सांघी ने हालांकि कहा कि उन्होंने 2010 में अपने आवास को खाली कर दिया था, जब उनकी सदस्यता समाप्त हो गई थी और 7, तालकटोरा स्थित उनका बंगला किसी और को आवंटित किया गया था।

उन्होंने कहा, 'आवास किसी और को आवंटित किया गया है, लेकिन मेरे खिलाफ बकाया दिखाया जा रहा है। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि मकान पर किसका कब्जा है। मेरा या किसी और का। अगर मकान मेरे पास है तो मैं रकम का भुगतान करूंगा और अगर मकान किसी और के पास है तो उसे इसको खाली कर देना चाहिए। मुझे नोटिस मिला है और मैंने उन्हें जवाब दे दिया है और उनसे स्पष्ट करने को कहा कि क्या यह मेरा नाम है या किसी अन्य व्यक्ति का।' कुल 56 सांसद हैं, जिनके खिलाफ 1969 रुपये से लेकर 23.07 लाख रुपये बकाया हैं।

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