नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): उत्तर प्रदेश के संभल में सांप्रदायिक हिंसा का मामला अब देश की संसद तक पहुंच गया है। लोकसभा में आज शून्यकाल के दौरान संभल हिंसा पर जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संभल मुद्दे पर सबसे पहले बीजेपी सांसद निशी कांत दुबे को बोलने का मौका दिया।
बीजेपी सांसद ने राहुल पर आंतकियों से रिश्ते का लगाया आरोप
संभल हिंसा को लेकर बीजेपी सांसद दुबे की टिप्पणी से लोकसभा में हंगामा हो गया, जिसके चलते शोरशराबे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। दुबे ने लोकसभा में ओपन सोसाइटी फाउंडेशन का ज़िक्र करते हुए आरोप लगाया कि इस आतंकी संगठन से जुड़े लोगों से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के क्या संबंध है।
दुबे के इस आरोप पर कांग्रेस सांसदों ने जबरदस्त विरोध दर्ज किया। शोरशराबे के बीच बीजेपी सांसद दुबे ने अपने आरोपों का सिलसिला जारी रखा। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में जबरदस्त शोरशराबे के बीच कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों पर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी गयी। तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा जारी रहा। नतीजतन सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गयी।
लोकसभा में दोपहर 12 बजे प्रश्न काल के बाद शून्यकाल शुरू होते ही सपा सांसदों ने संभल हिंसा पर बोले की अनुमति मांगी। लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने व्यवस्था दी कि इस मुद्दे पर बीजेपी सांसद रिशी कांत दुबे के बाद उन्हें भी बोलने का मौका दिया जाएगा। लेकिन सपा सदस्य इस बात पर अड़े हुए थे कि पहले उन्हें बोलने का मौका दिया जाए। लिहाजा सदन में हंगामा शुरू हो गया। इस बीच बीजेपी सांसद दुबे ने संभल हिंसा पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर आतंकी संगठन से जुड़े लोगों से विदेश में मुलाकात का ज़िक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता के उन लोगों से क्या संबंध है, इसका खुलासा होना चाहिए।
निशिकांत दुबे ने किया तीन नियमों का उल्लंघन: थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि जब निशिकांत दुबे ने अपमानजनक बयान दिया तो उन्होंने संसद के कम से कम तीन नियमों का उल्लंघन किया। पहला आप लोगों पर अपमानजनक तरीके से हमला नहीं कर सकते, दूसरा आप बिना नोटिस दिए या पहले से लिखित में दिए किसी का नाम नहीं ले सकते और तीसरा आप किसी सांसद के संसदीय विशेषाधिकार का हनन नहीं कर सकते। उन्होंने इन तीनों नियमों का उल्लंघन किया लेकिन फिर भी उन्हें बोलने दिया गया। हमने स्पीकर से कहा कि इसे हटा दिया जाना चाहिए और उन्हें माफी मांगनी चाहिए। फिर भी ऐसा नहीं हुआ। हमने विरोध किया और फिर सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। यह संसदीय समय, हमारा समय, हमारे करदाताओं का समय बर्बाद करना है।
संसद में तिरंगे के अलावा अन्य बैज न पहनें सदस्य: ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को सदस्यों से कहा कि वे संसद में राष्ट्रीय तिरंगे के अलावा अन्य लैपल पिन और बैज न पहनें। जब कई कांग्रेस सदस्य जैकेट और शर्ट पर मोदी अदाणी एक है और अदाणी सुरक्षित है लिखे स्टिकर पहने दिखे तो ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 349 में कहा गया है कि एक सदस्य को लैपल पिन या बैज के रूप में राष्ट्रीय ध्वज को छोड़कर सदन में किसी भी प्रकार का बैज नहीं पहनना चाहिए। सदस्य संसदीय नियमों और परंपराओं का पालन करें। सदन की गरिमा से समझौता नहीं किया जाए।