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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश सचिव 9 दिसंबर को बांग्लादेश का दौरा करने वाले हैं और वे अपने समकक्ष से मिलेंगे और इस यात्रा के दौरान कई अन्य बैठकें भी होंगी। विदेश सचिव के नेतृत्व में विदेश कार्यालय परामर्श भारत और बांग्लादेश के बीच एक संरचित जुड़ाव है। हम इस बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बता दें कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ गई है। वहीं भारत ने इस मामले में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील भी की थी।

सीरिया की स्थिति पर रख रहे नजर: विदेश मंत्रालय

वहीं सीरिया में हाल ही में हुए घटनाक्रमों पर उन्होंने कहा कि 'हमने सीरिया के उत्तर में हाल ही में लड़ाई में हुई बढ़ोतरी पर ध्यान दिया है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सीरिया में लगभग 90 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो कई संयुक्त राष्ट्र संगठनों में काम कर रहे हैं। हमारे दूतावास अपने नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए उनके साथ निकट संपर्क में हैं।

'मसूद अजहर के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई'

भारत ने यह खबर सामने आने के बाद शुक्रवार को पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की कि उसने हाल ही में बहावलपुर में एक जनसभा में भाषण दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यदि खबर सही है, तो इससे आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में पाकिस्तान का 'दोहरा रवैया' उजागर हो गया है।

रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि उसके (अजहर के) खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके उसे न्याय के कटघरे में लाया जाए। इस बात से इनकार किया जा रहा है कि वह पाकिस्तान में नहीं है। उन्होंने कहा, यदि खबरें सही हैं, तो इससे पाकिस्तान का दोहरा रवैया उजागर होता है। मसूद अजहर भारत पर सीमा पार से हुए आतंकी हमलों में शामिल रहा है और हम चाहते हैं कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

शिखर वार्ता के लिए अगले साल भारत आएंगे पुतिन: विदेश मंत्रालय

जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगले साल संभावित भारत यात्रा के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि, 'रूस के साथ हमारी वार्षिक शिखर वार्ता की व्यवस्था है। पिछली वार्षिक शिखर वार्ता मास्को में हुई थी, जिसके लिए प्रधानमंत्री मास्को गए थे। अगली शिखर वार्ता अगले साल भारत में होनी है, और इसकी तिथियां कूटनीतिक माध्यमों से तय की जाएंगी।'

 

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