नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बरकरार है। लोकसभा में पहले अडानी, संभल जैसे मुद्दे और फिर भाजपा के राहुल गांधी पर गंभीर आरोपों को लेकर हंगामा हुआ। ऐसे ही राज्यसभा की कार्यवाही नोटों की गड्डी मिलने को लेकर हंगामेदार रही है। आज भी दोनों सदनों में हंगामे जारी रहा। दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बजे कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने सत्तापक्ष के सांसद निशि कांत दुबे के आरोपों के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया। लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। सदन में जबरदस्त शोरशराबे के बीच ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष का हंगामा जारी रहा। पीठासीन अधिकारी संध्या राय ने मंत्रियों और सदस्यों के सरकारी पेपर सदन के पटल पर रखवाए। फिर शोरशराबे के बीच सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
दो बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई। लेकिन हंगामें के चलते पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही को तीन बजे तक स्थगित कर दिया। वहीं तीन बजे हंगामा जारी रहने के चलते कार्यवाही को कल मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उधर, राज्यसभा में जॉर्ज सोरेस और सोनिया गांधी के बीच कथित सांठगांठ के आरोपों पर भाजपा की ओर से चर्चा की मांग के बाद विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद हंगामे के कारण सोमवार को सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले अडानी समूह से जुड़े मामले और कुछ अन्य विषयों को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
राज्यसभा दो बार स्थगन के बाद दोपहर तीन बजे फिर शुरू हुई। सभापति जगदीप धनकड़ ने संसदीय लोकतंत्र में सदस्यों की भूमिका पर बोले हुए सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण चलने देने का अनुरोध किया। लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। शोरशराबे के बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमने भारतीय संविधान को अपनाने की एक सदी की चौथी तिमाही में प्रवेश करके अपना वर्तमान सत्र शुरू किया। पूरे सप्ताह सदन में कामकाज नहीं हो सका। किसी को भी सदन को ठप नहीं करना चाहिए।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "देश को कांग्रेस, विपक्षी दलों और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के बीच संबंधों के बारे में जानने का अधिकार है। इस मुद्दे को सदन में उठाना सांसद का अधिकार है। लेकिन विपक्ष मेरी आवाज और उनके (विपक्ष) अंतरराष्ट्रीय संबंधों को दबाने की कोशिश कर रहा है। सोरोस जैसे लोग जो देश को बांटना चाहते हैं और खालिस्तान का समर्थन करते हैं...कांग्रेस पार्टी फंस गई है..."
सदन में आज तीन प्रमुख विधेयक- रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 और बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 के पारित होने की संभावना है।