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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक्स अकाउंट (पहले ट्विटर) बैन कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ख्वाजा लगातार जहर उगल रहे थे। वे भारत के खिलाफ भी अनरगल बयानबाजी कर रहे थे। ख्वाजा आसिफ ने भारत के सैन्य हमले के डर को भी कबूल किया था।  आसिफ ने सोमवार को कहा था कि भारत की तरफ से हमला तय है और यह करीब है। भारत के हमले के खतरे को देखते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा था, 'हमने अपने सुरक्षाबलों को मजबूत करना शुरू कर दिया है, क्योंकि भारत की तरफ से हमला निश्चित है। इन हालात में कुछ कूटनीतिक फैसले लेने होंगे और यह फैसले लिए जा रहे हैं।' साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान के अस्तित्व को सीधा खतरा हुआ तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। उनके इस बयान के बाद भारत सरकार ने यह कदम उठाया है।

नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में दहशत का माहौल है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आतंकी हमले पर चर्चा करने का अनुरोध किया। साथ ही पत्र में संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया गया है।

पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले के बाद से विपक्ष के कई सांसदों ने सरकार से ऐसी मांग की है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में आगे कहा गया, 'इस समय में एकता और एकजुटता जरूरी है, इस महत्वपूर्ण समय में भारत को यह दिखाना होगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट हैं।'

'इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली प्रदर्शन करेंगे'

खड़गे के मुताबिक, संसद का विशेष सत्र बुलाकर सभी 22 अप्रैल को निर्दोष नागरिकों पर पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले से निपटने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प और इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली प्रदर्शन करेंगे। हमें उम्मीद है कि सत्र तदनुसार बुलाया जाएगा। कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने पत्र जारी किया।

नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले को पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मामले में कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को लेकर पार्टी की छवि भी खराब हुई है। इससे कांग्रेस का आलाकमान नाराज है। कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के नेताओं को नसीहत दी है कि पहलगाम हमले पर फिजूल की बयानबाजी करने से बचें। पार्टी ने हाल के दिनों में नेताओं द्वारा दिए गए विवादित बयानों से भी किनारा कर लिया है।

विवादित बयानों से कांग्रेस ने किया किनारा

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा- कांग्रेस कार्य समिति ने 24 अप्रैल 2025 को बैठक की और दो दिन पहले पहलगाम में पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकी हमले पर एक प्रस्ताव पारित किया। इसके पश्चात 25 अप्रैल 2025 को कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया और पार्टी का पक्ष रखा। कांग्रेस के कुछ नेता मीडिया से चर्चा कर रहे हैं। वे केवल अपनी व्यक्तिगत राय रखते हैं, वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए दोहराया कि काजी की अदालत, काजियात की अदालत व शरिया कोर्ट की कानून में कोई मान्यता नहीं है। उनके द्वारा दिया गया कोई भी निर्देश कानून में लागू नहीं होता है। ना ही उनका फैसला बाध्यकारी है। शीर्ष अदालत की तरफ से यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली एक महिला की अपील पर दिया गया है, जिसमें फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया था।

'फतवों को कानूनी मान्यता नहीं'

जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने विश्व लोचन मदन बनाम भारत सरकार के मामले में 2014 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि काजी कोर्ट', '(दारुल कजा) काजियात कोर्ट', 'शरिया कोर्ट' इत्यादि किसी भी नाम से पुकारे जाने वाले न्यायालयों को कानून में कोई मान्यता नहीं है। शरीयत अदालतों और फतवों को कानूनी मान्यता नहीं है। जानकारी के मुताबिक, महिला की शादी 24 सितंबर 2002 को इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। दोनों की यह दूसरी शादी थी।

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