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वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में अविवाहित पुरुष और शादीशुदा महिला के बीच लिव-इन रिलेशनशिप को अवैध बताया है। जस्टिस सतीश कुमार शर्मा ने अपने आदेश में पुलिस सुरक्षा के लिए याचिकाकर्ताओं के अनुरोध को भी खारिज कर दिया। यचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कहा कि उन्हें महिला के परिजनों से धमकी मिल रही है। महिला और पुरुष दोनों को जान का खतरा है। सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका झुंझुनूं जिले के 27 वर्षीय एक अविवाहित पुरुष और 30 वर्षीय शादीशुदा महिला ने दायर की थी। सुनवाई के दौरान दोनों के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल वयस्क हैं और सहमति से लिव-इन रिलेशनशिप में हैं। महिला विवाहित है, लेकिन पति की शारीरिक प्रताड़ना और क्रूरता के कारण वह अलग रहने को मजबूर है।

वहीं, महिला के पति के वकील ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा कि दोनों याचिकाकर्ताओं के बीच संबंध अवैध और कानून के खिलाफ है। इस कारण इन्हें सुरक्षा नहीं दी जानी चाहिए। बहस सुनने के बाद फैसले में जस्टिस शर्मा ने कहा कि दोनों पक्षों के दस्तावेजों की जांच करने से साफ पता चलता है कि महिला पहले से शादीशुदा है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को 2011 में बंद हुए सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के शिक्षकों के वेतन का 70 प्रतिशत चार सप्ताह के भीतर वापस करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने शिक्षकों को वेतन का 70 प्रतिशत प्रतिपूर्ति करने के अपने 2019 के आदेश का पालन नहीं करने के लिए राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को बंद कर दिया।

पीठ ने कहा कि स्कूल चलाने वाले ट्रस्ट ने तब से संस्था के शिक्षकों को अदालत के आदेश पर छठे वेतन आयोग के अनुसार, 52.26 लाख रुपये का भुगतान किया है। राज्य को इस राशि का 70 प्रतिशत संस्था को प्रतिपूर्ति करनी थी।

राज्य ने संस्थान को 10.41 लाख रुपये के 70 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति की है। जिसमें 41.85 लाख रुपये का 70 फीसदी शेष राशि है। इसे राज्य को चार सप्ताह की अवधि के भीतर भुगतान करना है। कोर्ट ने अवमानना याचिकाएं बंद कर दी हैं।

जयपुर: राजस्थान के श्रीगंगानगर में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने भाजपा नेता के साथ हाथापाई की। किसान वहां पर भाजपा के प्रदर्शन का विरोध कर रहे थे। पुलिस प्रशासन के किसानों पर लाठीचार्ज किया। मुख्य बाजार में पुलिस ने किसानों पर जमकर लाठियां बरसाई, कई किसानों को चोट भी आई है। अभी वहां पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। श्रीगंगानगर के कलेक्ट्रैट परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है।

वहीं, किसानों ने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के कपड़े फाड़ दिए। कैलाश मेघवाल के साथ मारपीट भी की गई। उन्हें किसानों ने दौड़ा-दौड़ा पीटा है। पुलिस प्रशासन ने किसानों से कैलाश मेघवाल को छुड़वाया। भाजपा नेता मंहगाई और सिंचाई पानी को लेकर कलेक्टर पर प्रदर्शन कर रहे थे। तभी वहां पर किसान पहुचे और जमकर भिड़त हो गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया है, काफी किसान घायल हुए हैं।

जयपुर: पंजाब कांग्रेस में पैदा हुए संकट को खत्म करने के बाद अब पार्टी नेतृत्व की नजर राजस्थान पर है। पार्टी नेतृत्व अब राजस्थान में पैदा हुई गुटबाजी को खत्म करना चाहता है। इसका हल निकालने के लिए पार्टी कैबिनेट विस्तार का सहारा ले सकती है। बता दें, पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के तरीके के खिलाफ सचिन पायलट ने खुला विद्रोह कर दिया था। सचिन पायलट अपने समर्थक 18 विधायकों को लेकर दिल्ली आ गए थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व से मुलाकात के बाद वह मान गए थे।

कांग्रेस पार्टी आलाकमान की ओर से अजय माकन और केसी वेणुगोपाल को जयपुर में पार्टी विधायक से मिलने के लिए भेजा गया है। दोनों नेताओं ने जयपुर में विधायकों के साथ एक अहम बैठक की। सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ मौजूद रहे और गहलोत कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री भी बैठक में शामिल थे। उस वक्त कैबिनेट पदों से इस्तीफा देने वाले विद्रोहियों की दोबारा बहाली होना अभी बाकी है। वहीं, गहलोत कुछ निर्दलीय विधायकों को भी अपने कैबिनेट में जगह देना चाहते हैं। 12 निर्दलीय और 6 बसपा विधायक उनकी सरकार का समर्थन कर रहे हैं।

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