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चंडीगढ़: पंजाब सरकार की तरफ से हाल ही में रेगुलर किए गए 8736 शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मुलाकात करके उनका धन्यवाद किया। पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सेवाएं रेगुलर करने की लंबे समय से लटकती आ रही मांग को स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इस मुद्दे पर सिर्फ टालमटोल किया। लेकिन भगवंत मान सरकार ने सभी रुकावटों दूर करके उनको रेगुलर करने का रास्ता साफ किया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वह इस ऐतिहासिक प्रयास के लिए मुख्यमंत्री के सदा ऋणी रहेंगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अध्यापकों को नोटिफिकेशन की कॉपी सौंपते हुए उनके साथ विस्तृत बातचीत की। उन्होंने कहा कि 8736 अध्यापकों की सेवाएं रेगुलर करने का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है और अब वह राज्य सरकार का हिस्सा बन चुके हैं।

भगवंत मान ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि यह अध्यापक पिछले लंबे समय से ठेके के आधार पर काम कर रहे थे। यहां तक कि इनमें से कुछ अध्यापक पिछले 14 सालों से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विद्यार्थियों के रौशन भविष्य के लिए अध्यापकों की रोजी-रोटी को सुरक्षित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस तथ्य को मुख्य रखते हुए उन्होंने इन अध्यापकों की सेवाएं रेगुलर करने का फ़ैसला लिया है। भगवंत मान ने अध्यापकों को न्योता दिया कि वह अपने विद्यार्थियों को कान्वेंट स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों के साथ मुकाबला करने के काबिल बनाने के लिए अपनी ड्यूटी और भी तनदेही के साथ निभाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को हर क्षेत्र में प्राप्तियां हासिल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अध्यापकों की सेवाएं सिर्फ अध्यापन कामों के लिए ही लेने का फ़ैसला किया है। भगवंत मान ने अध्यापकों को बधाई देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

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