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अमृतसर (पंजाब): भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अंतिम मसौदे पर सहमति न बनने के कारण गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए रविवार को शुरू होने वाली ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। प्रत्येक श्रद्धालु से 20 अमरीकी डॉलर की फीस के कारण दोनों देशों के बीच करतारपुर कॉरिडोर के संचालन को लेकर गतिरोध बना हुआ है। भारत पाकिस्तान की इस शर्त का कड़ा विरोध कर रहा है। वहीं पाक फीस वसूलने पर अड़ा हुआ है। भारत-पाकिस्तान अधिकारियों के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर तीन बैठकें हो चुकी हैं। अंतिम बैठक में पाकिस्तान ने प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर फीस की शर्त रखी थी। भारतीय अधिकारियों ने इस शर्त का तुरंत विरोध किया था।
भारत का तर्क था कि करतारपुर कॉरिडोर सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी द्वारा स्थापित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए बनाया गया है। विश्व के किसी भी देश में धार्मिक कॉरिडोर पर एंट्री फीस वसूलने की प्रथा नहीं है लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ नवंबर को कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए डेरा बाबा नानक पहुंच रहे है।
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चंडीगढ़: केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट लिखकर करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के बारे में एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि पीएम मोदी 8 नवंबर को कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं और इसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर साहिब के दर्शनार्थ आने-जाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसकी घोषणा भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने की है।
यह कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर और भारत के गुरदासपुर के मान गांव को जोड़ेगा। करतारपुर सिखों के पहले गुरु श्री गुरुनानक देव जी की कर्मस्थली है। यहीं श्री नानक देव जी ने आखिरी सांस ली थी। भारत में इसका उद्घाटन 26 नवम्बर को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने किया था। भारत की ओर से इस कॉरिडोर को बनाने की घोषणा 22 नवम्बर को की गई थी। पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन 28 नवंबर को हुआ था। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसकी आधारशिला रखी थी।
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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यालय ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए वे पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी सूचना के मुताबिक अमरिंदर सिंह कॉरिडोरके जरिए जाने वाले पहले जत्थे में शामिल होकर केवल करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में दर्शन करने जाएंगे। प्रेस रिलीज में आगे बताया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी सिर्फ पंजाबी जत्थे में शामिल होने की सहमति दी है, उनके ओपनिंग सेरेमनी में शामिल होने की बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
प्रेस रिलीज में आगे बताया गया है कि अमरिंदर सिंह ने कहा है कि मेरे जाने का सवाल ही नहीं होता और मुझे लगता है कि ठीक वैसे ही डॉ. मनमोहन सिंह भी नहीं जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान जाने और कॉरिडोर के जरिए गुरुद्वारा जाने में जमीन-आसमान का अंतर है। अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि जहां तक पाकिस्तान जाने की बात है, तो वे तब तक वहां नहीं जाएंगे जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बंद नहीं कर देता है।
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नई दिल्ली: अगले महीने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर सर्वदलीय समूह के साथ जाने के लिए पंजाब सरकार के न्यौते को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मान लिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से जारी रिलीज में यह जानकारी दी गई। नई दिल्ली और इस्लामाबाद की तरफ से सिखों के भारत स्थित धार्मिक स्थल डेरा बाबा नानक साहिब और पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर कॉरिडोर को जोड़ने के लिए काम किया जा रहा है। सिखों के लिए यह दोनों ही शहर धार्मिक लिहाज से महत्वपूर्ण है और धर्म के संस्थापक गुरुनानक से काफी करीब से जुड़ा हुआ है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 30 सितंबर को इस बात की घोषणा की थी कि उनके देश ने यह फैसला किया है कि करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए उनका देश पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को न्यौता देगा। गौरतलब है कि करतारपुर कॉरिडोर सिखों के लिए पवित्र जगहों में से एक है। ऐसा इसलिए क्योंकि सिखों के धर्मगुरु गुरुनानक ने अपनी जिंदगी के 17 साल 7 महीने 9 दिन यहां गुजारे थे।
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