नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के किनारे के आस-पास वाले क्षेत्र पर चीनी सैनिकों ने कई महीनों से तंबू गाड़कर कब्जा कर रखा था, लेकिन भारत की मजबूत कूटनीतिक रणनीति के आगे चीन को झुकना पड़ा और अवैध कब्जे वाले क्षेत्र से पीछे हटना पड़ा। इस बात की पुष्टि अब सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए भी हो रही है, जहां कुछ महीने पहले की तस्वीर और वर्तमान तस्वीर को देखने के बाद साफ पता चल रहा है कि चीनी सैनिकों ने तंबु हटाकर पीछे हटना शुरू कर दिया है।
ताजा सैटेलाइट तस्वीरों में देखा जा सकता है कि चीनी सेना ने अपने दर्जनों ढांचों को तोड़ दिया है और वे इलाके खाली कर दिए हैं, जिनके लिए भारत और चीन के बीच वार्ता लगातार जारी थी। पहले के सैटेलाइट इमेज से तुलना करने पर पता चलता है कि चीन ने किस तरह यहां अवैध कब्जा कर लिया था, लेकिन भारत के हस्तक्षेप के कारण अब उसने बोरिया बिस्तर समेटना शुरू कर दिया है। मैक्सर टेक्नॉलजीज ने मंगलवार को उत्तरी किनारे की कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं।
जहां कई चीनी कैंप्स थे और जनवरी में आईं तस्वीरों में इन्हें देखा जा सकता है, लेकिन अब यह इलाके तेजी से खाली हो रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सेना के पीछे हटने की घोषणा की थी
बता दें कि इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध तरीके से हटाएंगे। सीमा पर नौ महीने तक गतिरोध जारी रहने के बाद यह सफलता मिली है।
रक्षा मंत्री ने कहा था कि चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को उत्तरी किनारे में फिंगर आठ के पूर्व की तरफ रखेगा। इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थाई ठिकाने धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में भी दोनों पक्षों द्वारा की जाएगी।
ज्ञात हो कि चीनी सेना ने फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच के क्षेत्रों में बंकरों समेत कई विभिन्न निर्माण कार्यों को अंजाम दिया था और फिंगर-4 से आगे भारतीय सेना की गश्त बाधित कर दी थी। भारतीय सेना ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। चीन के साथ नौवें दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 से फिंगर-8 के बीच चीनी सेनाओं को हटाए जाने पर जोर दिया था।