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श्रीनगर: कथित ठग किरन पटेल को जमानत मिल गई है। गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले किरन पटेल को श्रीनगर पुलिस ने इसी साल गिरफ्तार किया था। जमानत देते हुए श्रीनगर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा, “चार्जशीट पढ़ने के बाद साफ होता है कि आईपीसी की धारा 467 के तहत अपराध को एजेंसी ने हटा दिया है।” इस धारा के तहत आजीवन कारावास का प्रावधान है।

चार्जशीट से हटी गैर-जमानती धारा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने कहा, “धारा 467 के तहत अपराध को हटाने के बाद आरोपियों की ओर से किए गए अपराध के लिए केवल सात साल तक की सजा का प्रावधान है।” धारा 467 मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी से संबंधित है। इसमें आजीवन कारावास या 10 साल और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। अदालत ने कहा कि मार्च के महीने में किरन पटेल की पहली जमानत अर्जी को खारिज करने के प्रमुख आधारों से एक थी, इसे जांच अधिकारी ने गैर मौजूदा सामग्री के आधार पर हटा दिया है।

क्या है मामला?

इस साल मार्च के महीने में किरन पटेल को पीएमओ के एक अधिकारी बताने के बाद श्रीनगर वाले ललित होटल से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था, “उन्हें जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों की ओर से सुरक्षा कवर के साथ-साथ अत्यधिक संवेदनशील जगहों तक पहुंच दी गई। इन जगहों पर सामान्य तौर पर कोई भी आम आदमी या पर्यटक पहुंचने के लिए अधिकृत नहीं है।”

पुलिस ने पटेल पर आईपीसी की धारा 419, 420, 468, 471, 170 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया था। जांच पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से दूसरे आरोपी पीयूष वसिता के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। आरोपियों के वकील अनिल रैना ने कहा कि इस दस्तावेज़ में दोनों के खिलाफ धारा 467 के तहत आरोप हटा दिए गए हैं।

पटेल के दो पूर्व सहयोगियों, अमित हितेश पंड्या और जय सिवजी सीतापारा को मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में नामित किया गया है। सीजेएम श्रीनगर मोहम्मद तसलीम ने अपने आदेश में लिखा, ''मामले में भौतिक परिवर्तन हुए हैं। इसलिए... इस मामले में आगे की जांच के लिए आरोपी व्यक्तियों को हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है।''

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