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उधमपुर: जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री और नेशनल कॉन्‍फ्रेंस नेता फारूक अब्‍दुल्‍ला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए इस पार्टी पर भगवान राम के नाम का इस्‍तेमाल केवल वोटों के लिए करने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि भगवान राम हर किसी के भगवान हैं। फारूक ने जम्‍मू-कश्‍मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के स्‍थापना दिवस पर उधमपुर जिले के गारनेई में एक रैली का संबोधित करते हुए यह विचार व्‍यक्‍त किए।

चुनावों का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने रैली में कहा, ''परीक्षाएं (चुनाव) जल्द आ रही हैं और बड़ी मात्रा में पैसा यहां उड़ाया जाएगा। हमारी माताओं-बेटियों को बार-बार मंदिर के बारे में बताया जाएगा। यह भी हो सकता है कि वे (बीजेपी) उस दिन ही राम मंदिर का उद्घाटन कर दें।" उन्‍होंने कहा, "ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि लोग बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को भूल जाएं और सोचें कि केवल वे (बीजेपी वाले) राम के भक्त हैं।" फारूक ने आगे कहा कि भगवान राम सबके भगवान हैं। उन्‍होंने बीजेपी पर भगवान राम को निजी हितों के लिए 'बेचने' का आरोप लगाया।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पुंछ जिले के अपने दौरे के दौरान नवग्रह मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने पूरे मंदिर का चक्कर लगाया और शिवलिंग का जलाभिषेक भी किया। उन्होंने मंदिर परिसर में बनी यशपाल शर्मा की प्रतिमा पर पुष्पवर्षा भी की। अब बीजेपी ने मुफ्ती की मंदिर यात्रा को 'नौटंकी' बताते हुए उन पर निशाना साधा है। बीजेपी का कहना है कि महबूबा मुफ्ती की मंदिर यात्रा केवल राजनीतिक नौटंकी है।

वहीं, कुछ मौलानाओं ने भी महबूबा के इस कदम को इस्लाम के ख़िलाफ़ करार दिया है। महबूबा ने आज प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और किसी के मंदिर जाने पर बवाल नहीं होना चाहिए। यह गंगा-जमुनी तहजीब है। यशपाल शर्मा ने मंदिर बनवाया था। मैं मंदिर अंदर से जाकर देखना चाहती थी। वहां किसी ने बड़े प्यार से मेरे हाथ में लोटा रख दिया। अब किसी ने इतनी श्रद्धा से लोटा रखा, तो मैंने जल चढ़ा दिया। यह मेरा मामला है। इसमें ज्यादा बहस करने की जरूरत नहीं है।

इससे पहले महबूबा ने जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि जम्मू-कश्मीर के पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत केंद्र शासित प्रदेश से बाहर की जेलों में भेजे गए 20 से अधिक कैदियों का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई पांच अप्रैल को तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनगर निवासी राजा बेगम और तीन अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की है।

याचिकाकर्ताओं ने अपने वकील सत्य मिश्रा के जरिये इन कैदियों को जम्मू और कश्मीर की जेलों के बाहर भेजे जाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि उन्हें उत्तर प्रदेश और हरियाणा की जेलों में भेजना जम्मू-कश्मीर के उस कानून का उल्लंघन है, जिसके तहत उन्हें बंदी बनाया गया है। उन्होंने परिवार के इन कैदियों से नहीं मिल पाने की भी दलील दी है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से अदालत को बताया कि हम निर्देशों का पालन करेंगे। लेकिन गिरफ्तार किए गए यह कैदी असलियत में राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मामला हैं। यह सिर्फ दो लोगों के बीच संवाद जितना आसान नहीं होगा।

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में एक महिला की कथित तौर पर हत्या कर शव को कई टुकड़ों में करने के आरोप में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है। शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए और हत्यारे को फांसी की मांग के साथ लोगों ने प्रदर्शन किया। वहीं पूरे मामले पर पुलिस के प्रवक्ता ने कहा है कि आठ मार्च को मध्य कश्मीर में सोईबग पुलिस चौकी को तनवीर अहमद खान का एक आवेदन मिला था, जिसमें उन्होंने बताया कि सात मार्च को उनकी बहन कोचिंग के लिए निकली लेकिन घर नहीं लौटी।

प्रवक्ता ने बताया कि आवेदन मिलने के बाद पुलिस ने गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज की और वह जांच में जुट गयी। जांच के दौरान, पुलिस ने मोहनपोरा बडगाम निवासी शब्बीर अहमद वानी सहित कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि लगातार पूछताछ के बाद, अहमद ने अपराध में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली और पुलिस को बताया कि उसने महिला के शव के कई टुकड़े कर दिए थे और शरीर के हिस्सों को अलग-अलग जगहों पर दफना दिया था।

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