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नई दिल्ली: उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग पर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (15 मई) को सुनवाई की। इस दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यह कहते हुए दुख हो रहा है कि जंगल की आग को नियंत्रित करने में राज्य का दृष्टिकोण 'असुविधाजनक' था।

उत्तराखंड के मुख्य सचिव को दिए निर्देश

न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को 17 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है। पीठ में न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी और न्यायमूर्ति संदीप मेहता भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि हालांकि, कई कार्य योजनाएं तैयार की जाती हैं, लेकिन उनके कार्यान्वयन के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है।'

शीर्ष अदालत ने राज्य के वन विभाग में भारी रिक्तियों के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।

बदरीनाथ (चमोली): उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह 6 बजे पूरे विधि-विधान, वैदिक मंत्रोच्चार और 'बद्री विशाल लाल की जय' के नारों के साथ खुल गए हैं। इस दौरान मंदिर को कई क्विंटल फूलों से सजाया गया। उत्तराखंड में हर साल चार धाम यात्रा होती है। जिनमें बद्रीनाथ धाम के साथ-साथ तीर्थयात्री गंगोत्री धाम, यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के दर्शन करने आते हैं। शुक्रवार को अक्षय तृतीया के दिन केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। जिसके साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा आरंभ हो गई।

गंगोत्री, युमनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाम धार्मिक स्थल हैं, जहां देशभर से तीर्थयात्री श्रद्धाभाव से पहुंचते हैं। चार धाम की यात्रा को बेहद खास माना जाता है और इसका अत्यधिक धार्मिक महत्व भी है।

बारिश के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने 13 मई तक उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने राज्य में यलो के बाद ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

नई दिल्ली: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के कारण हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। राज्य सरकार के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। कई जगहों पर आग नए सिरे से भड़क रही है। इस कारण दमकलकर्मियों के साथ-साथ वायुसेना को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार और मामले से जुड़े याचिकाकर्ता केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) को रिपोर्ट सौंपें। समिति रिपोर्ट के आधार पर अपनी राय बनाएगी और शीर्ष अदालत को सूचित किया जाएगा।

एक साल में जंगल में आग लगने की 398 घटनाओं के पीछे मानवीय भूमिका

बुधवार को मुकदमे की सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केवल 0.1% वन्यजीव क्षेत्र जंगल में लगी आग के कारण प्रभावित हुए। दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई 15 मई को होगी।

देहरादून/हल्द्वानी: उत्तराखंड में शुक्रवार को जंगलों की आग और भड़क गई। 24 घंटे के भीतर वनाग्नि की 64 घटनाएं सामने आई हैं। वहीं, सोमेश्वर के स्यूनराकोट के जंगल में लगी आग दो नेपाली परिवारों पर भारी पड़ी है। जंगल की आग की चपेट में आने से एक श्रमिक की बृहस्पतिवार को मौके पर ही मौत हो गई थी।

सीएम धामी ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग

दूसरे श्रमिक ने बृहस्पतिवार देर रात बेस अस्पताल में तो महिला श्रमिक ने हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में दम तोड़ दिया है। एक और महिला श्रमिक का हल्द्वानी में इलाज चल रहा है। अब शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि रोकथाम को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।

शुक्रवार को प्रदेश में सामने आई वनाग्नि की 64 घटनाओं में गढ़वाल में 30, कुमाऊं में 29 और वन्यजीव क्षेत्रों में पांच घटनाएं शामिल हैं। 24 घंटे के भीतर 74.67 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया।

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