सिओल: मार्शल लॉ लगाने के कारण महाभियोग का सामना कर रहे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल के वकील अदालत से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के अपने प्रयास में गुरुवार को विफल रहे। वकीलों ने सियोल मध्य जिला अदालत से उनकी रिहाई पर विचार करने को कहा था, लेकिन अदालत ने गुरुवार को उनकी याचिका खारिज कर दी।
एक दिन पहले यून को देश की राजधानी सियोल के निकट एक हिरासत केंद्र में ले जाया गया था। इससे पहले, उनसे पिछले महीने मार्शल लॉ लगाने के संबंध में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों ने 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। यून ने गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारियों द्वारा आगे पूछताछ से इनकार कर दिया, क्योंकि उनके वकीलों ने कहा कि जांच अवैध है।
राष्ट्रपति ने पिछले वर्ष तीन दिसंबर को मार्शल लॉ की घोषणा की थी। राष्ट्रपति के इस कदम ने पूरे देश को हैरत में डाल दिया था। हालांकि मार्शल लॉ कुछ ही घंटों से समाप्त हो गया था लेकिन इसके बाद देश में राष्ट्रपति के खिलाफ असंतोष की भावना फैल गई थी।
वहीं, विपक्षी दल उनके खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई करने की मांग करने लगे थे।